सार

Akash Anand national coordinator: मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को BSP में वापस लाकर सबको चौंका दिया है। पार्टी से निकाले जाने के कुछ ही दिनों बाद, उन्हें राष्ट्रीय मुख्य संयोजक बनाया गया है, जिससे उत्तराधिकार की चर्चा फिर शुरू हो गई है।

Akash Anand BSP return: राजनीति में न कोई फैसला अंतिम होता है और न ही कोई रिश्ता। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने एक बार फिर अपने भतीजे आकाश आनंद पर विश्वास जताया है। पार्टी से बाहर किए जाने के महज 40 दिन बाद, आकाश आनंद की भव्य वापसी हुई है और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है।

दिल्ली के लोदी रोड स्थित बीएसपी केंद्रीय कार्यालय में रविवार को हुई राष्ट्रीय बैठक में यह ऐलान किया गया। इस उच्चस्तरीय बैठक में देशभर से आए वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्षों, राष्ट्रीय संयोजकों और जिला स्तर के नेताओं ने हिस्सा लिया।

‘निष्कासन’ के 40 दिन बाद फिर हुई वापसी

3 मार्च को मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उन पर ससुर अशोक सिद्धार्थ का प्रभाव बढ़ता जा रहा था, जो न तो पार्टी के हित में था और न ही अंबेडकरवादी आंदोलन के। उस समय मायावती ने सख्त लहजे में संकेत दिए थे कि वह किसी दबाव में निर्णय नहीं लेंगी।

लेकिन 13 अप्रैल को एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। मायावती ने न केवल आकाश को फिर से पार्टी में शामिल किया, बल्कि कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे उन्हें प्रेरित और आत्मविश्वास से भरपूर करें। यह वापसी किसी साधारण पुनः प्रविष्टि से कहीं अधिक मानी जा रही है।

फिर से दिखे 'उत्तराधिकारी' के संकेत

पार्टी सूत्रों की मानें तो मायावती के इस निर्णय को केवल पद बहाली के रूप में नहीं देखा जा सकता। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि आकाश आनंद को फिर से नेतृत्व की मुख्य धारा में लाने की तैयारी है। पहले भी मायावती ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था, और अब इस पुनः नियुक्ति से उनकी भूमिका को और मज़बूती मिलती दिख रही है।

रविवार की बैठक में जब आकाश आनंद मायावती के बगल में नजर आए, तो राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि BSP में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की नींव रखी जा रही है।

क्या BSP में नई राजनीतिक शुरुआत की पटकथा तैयार हो रही है?

BSP का यह कदम ऐसे समय में आया है जब पार्टी को उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में संगठनात्मक मज़बूती और युवा नेतृत्व की सख्त जरूरत है। आकाश आनंद की वापसी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि वह मायावती की राजनीतिक विरासत को कैसे आगे ले जाते हैं और क्या वह पार्टी को एक नए युग में प्रवेश करा पाएंगे।

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