सार
UP MGNREGA Scam: संभल में मनरेगा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है, जहाँ मृतकों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर पैसे निकाले गए। ग्राम प्रधान समेत कई लोग शामिल, जांच जारी।
Sambhal MGNREGA scam: संभल जिले में मनरेगा घोटाले ने सबको चौंका दिया है। सरकारी फाइलों में कब्र में सोए लोग भी मिट्टी खोदते दिखे। आइए जानते हैं पूरी कहानी...
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के पंवासा ब्लॉक स्थित अतरासी गांव में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। ग्रामीणों की शिकायत पर जब प्रशासन ने जांच शुरू की, तो पता चला कि दर्जनों मृतकों के नाम पर जॉब कार्ड बनवाकर उनके खातों में मनरेगा की मजदूरी भेजी गई। इतना ही नहीं, कुछ कार्ड गांव के बाहर के लोगों के नाम पर बनाए गए और उनके पते भी फर्जी निकले।
प्रधान ने अपने मृत ससुर के नाम से निकाले पैसे
घोटाले की गहराई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्राम प्रधान ने अपने ही मृत ससुर के नाम पर जॉब कार्ड बनवाकर लाखों रुपये की मजदूरी निकाल ली। एक अन्य चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ऋषिपाल सिंह को भी मजदूर दिखाया गया, जबकि वे आज भी अपनी नौकरी कर रहे हैं। उनके जाति विवरण तक में जानबूझकर बदलाव किया गया।
जॉब कार्ड में की गई जाति में हेराफेरी, कई फर्जी नाम शामिल
जांच में यह भी सामने आया कि कई जॉब कार्ड धारकों की जातियां बदल दी गईं और कुछ कार्ड ऐसे लोगों के नाम पर बने, जो गांव के निवासी ही नहीं थे। शिकायतकर्ता हरिप्रकाश और अन्य ग्रामीणों ने इसकी लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद यह घोटाला सामने आया।
जांच में सामने आया 1.05 लाख का घोटाला, बनी है विशेष समिति
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि प्राथमिक जांच में 1.05 लाख रुपये की फर्जी मजदूरी भुगतान की पुष्टि हुई है। संबंधित अधिकारियों से राशि वसूलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही घोटाले की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है।
ग्रामीणों ने कहा, वर्षों से चल रहा है खेल, अफसर भी शामिल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह घोटाला कई वर्षों से चल रहा था, और इसमें शामिल अधिकारी जानबूझकर आंखें मूंदे हुए थे। अब जब मामला सामने आया है, तो ग्रामीण चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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