Shocking Humanity Crime in Ayodhya:अयोध्या में रात के सन्नाटे में परिजनों ने बुजुर्ग महिला को ई-रिक्शा में लाकर सड़क किनारे छोड़ दिया। CCTV में कैद हुई यह क्रूरता इंसानियत को शर्मसार कर गई। इलाज के दौरान वृद्धा की मौत ने रिश्तों की हकीकत उजागर कर दी।
Ayodhya Elderly Woman Abandoned: अयोध्या से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल मानवता को झकझोर दिया बल्कि रिश्तों की परिभाषा को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। बुधवार की रात करीब दो बजे एक बुजुर्ग महिला को उसके ही परिजन ई-रिक्शा में बैठाकर मेडिकल कॉलेज के पास सुनसान सड़क किनारे छोड़कर चले गए। यह पूरी घटना वहां लगे एक CCTV कैमरे में कैद हो गई।
CCTV में कैद हुआ इंसानियत का खौफनाक चेहरा
वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि दो महिलाएं और एक पुरुष ई-रिक्शा से उतरते हैं। उनके साथ एक बुजुर्ग महिला भी है, जो बेहद कमजोर और चलने में असमर्थ लग रही है। तीनों व्यक्ति वृद्धा को सड़क किनारे बिठा देते हैं और बिना कुछ कहे वहां से चले जाते हैं। जाते-जाते उनमें से एक महिला पलटकर वृद्धा का चेहरा देखती है, लेकिन फिर भी वापस नहीं आती।
सुबह हुआ रहस्य का खुलासा, शाम होते-होते मौत
गुरुवार सुबह करीब 10 बजे राहगीरों की नजर बेसहारा अवस्था में पड़ी महिला पर पड़ी। उन्होंने तुरंत दर्शन नगर चौकी पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बुजुर्ग को अयोध्या मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान शाम को महिला की मौत हो गई।
गले में घाव और न बोलने की स्थिति…क्या था छिपा सच?
डॉक्टरों के मुताबिक वृद्धा के गले में गहरा घाव पाया गया, जो कैंसर या किसी गंभीर बीमारी का संकेत देता है। महिला इतनी अस्वस्थ थी कि वह अपना नाम-पता तक नहीं बता पा रही थी। फिलहाल पुलिस महिला की पहचान और परिजनों की तलाश में जुटी हुई है।
क्या CCTV फुटेज से आरोपियों की पहचान हो पाई है?
फुटेज अंधेरे में रिकॉर्ड हुआ था, जिससे चेहरों की स्पष्ट पहचान कठिन हो रही है। हालांकि पुलिस फुटेज को बेहतर साफ करने का प्रयास कर रही है।
बुजुर्ग महिला कौन थी और कहां से लाई गई थी?
फिलहाल वृद्धा की पहचान नहीं हो सकी है। वह बोलने की स्थिति में नहीं थीं, इसलिए पुलिस स्थानीय अस्पताल और बुजुर्ग आश्रमों से संपर्क कर रही है।
क्या परिजनों पर कोई मामला दर्ज हुआ है?
अयोध्या पुलिस द्वारा FIR दर्ज कर ली गई है। IPC की धारा abandonment और elderly neglect के तहत मामला आगे बढ़ रहा है।
रिश्तों की सच्चाई या सामाजिक विफलता?
यह घटना केवल एक महिला को सड़क पर छोड़ने की नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की भी है जो अब कमजोर होता जा रहा है। जहां माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है, वहीं कुछ लोग अपने बुजुर्गों को बोझ समझकर यूं फेंक देते हैं जैसे वे इंसान न हों।