Harsh Vardhan Jain Arrest : गाज़ियाबाद में किराए के मकान से फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार। खुद को वेस्ट आर्कटिका जैसे नकली देशों का राजदूत बताकर लोगों को विदेश नौकरी और हवाला रैकेट में फंसा रहा था।

Fake Embassy in Ghaziabad: गाज़ियाबाद के कवि नगर इलाके में रहने वाला हर्षवर्धन जैन एक आम नागरिक की तरह दिखता था, लेकिन उसके किराए के घर के पीछे चल रही थी एक चौंकाने वाली कहानी, वह खुद को "West Arctica" जैसे काल्पनिक देश का राजदूत बताकर लोगों को ठग रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर इस हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया।

'West Arctica' क्या है और इसका भारत से क्या लेना-देना?

दरअसल, 'West Arctica', 'Saborga', 'Poulvia' और 'Lodonia' जैसे देश वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं हैं। लेकिन हर्षवर्धन ने इन्हें असली दिखाने के लिए अपनी पहचान 'कांसल जनरल' या 'राजदूत' के तौर पर बना ली। फर्जी कूटनीतिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियाँ, नकली पासपोर्ट, और विदेश मंत्रालय की मोहर लगे दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वह खुद को एक वैश्विक राजनयिक सिद्ध करता रहा।

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कैसे लोगों को बनाया गया शिकार?

STF की शुरुआती जांच में पता चला है कि हर्षवर्धन विदेशी नौकरियों का झांसा देकर आम लोगों और कंपनियों से ठगी कर रहा था। कई मामलों में वह हवाला के जरिए पैसे का लेनदेन भी कर रहा था। शेल कंपनियों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसने एक संगठित ठगी नेटवर्क खड़ा कर रखा था।

नेता और नामी हस्तियों के साथ तस्वीरें भी निकलीं फर्जी

हर्षवर्धन ने लोगों का विश्वास जीतने के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे शीर्ष नेताओं के साथ डिजिटल रूप से एडिट की गई तस्वीरें सोशल मीडिया और दस्तावेजों में इस्तेमाल कीं। इससे वह और भी ज्यादा प्रभावशाली दिखता था।

STF को क्या मिला आरोपी के पास से?

एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपी के पास से मिलीं कई चौंकाने वाली चीजें:

  • चार वाहन जिन पर फर्जी कूटनीतिक नंबर प्लेट थीं
  • 12 नकली डिप्लोमैटिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मुहर वाले दस्तावेज
  • दो फर्जी पैन कार्ड
  • 34 विभिन्न देशों और संस्थाओं की रबर स्टैम्प
  • दो फर्जी प्रेस कार्ड
  • ₹44.7 लाख नकद
  • विदेशी मुद्रा
  • 18 फर्जी डिप्लोमैटिक प्लेट्स
  • शेल कंपनियों से जुड़े दस्तावेज

पहले भी रह चुका है विवादों में शामिल

अधिकारियों के अनुसार, हर्षवर्धन का नाम पहले भी विवादों में रहा है। 2011 में उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था। इतना ही नहीं, उसका कथित संबंध विवादास्पद धर्मगुरु चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी से भी रहा है।

इस मामले में कवि नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। STF ने बताया है कि इस नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कितने लोग इसके जाल में फंसे और कहां-कहां तक इसका नेटवर्क फैला हुआ था।

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