उन्नाव में देश के पहले निजी एआई-संचालित विश्वविद्यालय का उद्घाटन हुआ। सीएम योगी ने इसे आधुनिक भारत के लिए महत्वपूर्ण बताया और युवाओं के डिजिटल सशक्तिकरण पर ज़ोर दिया। यह यूनिवर्सिटी एआई मिशन और स्टार्टअप इंडिया को आगे बढ़ाएगी।

लखनऊ, 26 जुलाई। शनिवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद को शिक्षा, तकनीक और सांस्कृतिक समृद्धि के अद्वितीय संगम के रूप में एक नई पहचान मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव में स्थापित देश की पहली निजी एआई-ऑगमेंटेड मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करते हुए इसे आधुनिक भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने इस ऐतिहासिक जनपद की साहित्यिक, सांस्कृतिक और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाली विरासत को याद करते हुए कहा कि यह नई यूनिवर्सिटी तकनीकी प्रगति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साकार करने का केंद्र बनेगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं को डिजिटल और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों, निजी और सरकारी निवेश की उपलब्धियों तथा शिक्षा-उद्योग सहयोग की दिशा में हुए सुधारों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी भारत के एआई मिशन और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है और उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी।

तकनीकी क्रांति की ओर आगे बढ़ा उन्नाव मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश का उन्नाव जनपद, साहित्य, संस्कृति, इतिहास और प्रतिभा की एक विशिष्ट भूमि रहा है। गंगा मैया के आशीर्वाद से पावन यह भूमि चंद्रिका देवी मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों की उपस्थिति से समृद्ध है। स्वतंत्रता संग्राम में राजा राव रामबख्श सिंह जैसे वीरों ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। इसी धरती ने पं. प्रतापनारायण मिश्र, निराला, डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन, हसरत मोहानी जैसे साहित्य मनीषियों को जन्म दिया जिन्होंने लेखनी के माध्यम से भारत की चेतना को स्वर दिया। आज यह जनपद तकनीकी क्रांति की ओर एक नई उड़ान भर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का नया परिसर यहां स्थापित किया गया है। यह विश्वविद्यालय न केवल आधुनिक शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि पुरातन भारतीय ज्ञान परंपरा और नवीनतम तकनीकी शिक्षा का संगम भी प्रस्तुत करेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहुविषयी दृष्टिकोण को आत्मसात करता यह संस्थान युवाओं को मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग, अनुसंधान और इनोवेशन के लिए प्रेरित करेगा।

अकादमिक संस्थाएं करें करियर मार्गदर्शन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों की अब तक की सबसे बड़ी चुनौती यह रही है कि उन्होंने स्वयं को एक सीमित दायरे में, एक प्रकार से 'टापू' के रूप में बांध लिया था। युवाओं के हित में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी भी अक्सर छात्रों तक नहीं पहुंच पाती थी। इससे वे अपने भविष्य की रणनीति समय पर नहीं बना पाते थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अकादमिक संस्थानों को अब केवल पढ़ाई के केंद्र नहीं, बल्कि करियर मार्गदर्शन और जीवन निर्माण के मंच के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान का परिसर केवल अध्ययन का स्थान नहीं, बल्कि छात्रों को सही दिशा देने, योजनाओं से जोड़ने और इंडस्ट्री के अनुकूल कौशल विकसित करने का माध्यम बनना चाहिए।

60 लाख युवाओं को मिला डिजिटल सशक्तिकरण का लाभ मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश के लगभग 60 लाख युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश भर के शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता को लेकर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। नैक मूल्यांकन और एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतरी के लिए विश्वविद्यालयों में प्रतिबद्धता बढ़ी है। इसका परिणाम है कि राज्य के छह विश्वविद्यालयों को ए डबल प्लस ग्रेड मिला है, जबकि दो विश्वविद्यालयों को ए प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ है। साथ ही, एनआईआरएफ रैंकिंग में भी उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

8 वर्षों में बने 23 नए निजी विश्वविद्यालय, 6 नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। पहले निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को लेकर ज़मीन की मात्रा में भेदभाव होता था, लेकिन हमने तय किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 50 एकड़ और शहरी क्षेत्रों में 20 एकड़ जमीन पर विश्वविद्यालय की स्थापना की अनुमति दी जाएगी। इस नीति के परिणामस्वरूप पिछले 8 वर्षों में 23 नए निजी विश्वविद्यालय अस्तित्व में आए हैं और आज कुल 47 निजी विश्वविद्यालय प्रदेश में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने उन कमिश्नरियों में भी विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं जहां पहले कोई विश्वविद्यालय नहीं था। अब तक 6 नए राज्य विश्वविद्यालय खोले गए हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश को देश का पहला आयुष विश्वविद्यालय भी मिला है। प्रदेश की पहली मेडिकल यूनिवर्सिटी भी खुल चुकी है, जबकि पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेरठ में निर्माणाधीन है और कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

अनुशासन टूटा तो दुशासन का प्रवेश तय है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कारवान शिक्षा ही भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। उन्होंने कहा कि छात्रों को जीवन में अनुशासन, गुरुजनों के मार्गदर्शन और समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां जीवन में अनुशासन टूटता है, वहां दुशासन प्रवेश करता है और दुशासन महाभारत का कारण बनता है। महाभारत का मतलब विनाश तय है। एक संस्कारवान युवा ही समर्थ भारत का आधार बन सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों में सुरक्षित और कानून-सम्मत माहौल तैयार किया गया है, जो निवेश के लिए अनिवार्य है। हर निवेश विकास के नए द्वार खोलता है, बेहतर कनेक्टिविटी और रोजगार के अवसरों का निर्माण करता है।

उन्नाव बन रहा निवेश का हब मुख्यमंत्री ने बताया कि केवल उन्नाव जनपद में ही ₹22,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव शुरू हो रहे हैं, जिसमें एक्वा ब्रिज ग्रुप ₹4,000 करोड़, कैन पैक इंडिया लिमिटेड ₹1,300 करोड़, यूवी बेवरेज इंडिया प्रा. लि. ₹2,200 करोड़ और ओम लॉजिस्टिक्स लि. ₹150 करोड़ का निवेश कर रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार भी निवेश और बुनियादी ढांचे पर ध्यान दे रही है। उन्नाव में शहीद गुलाब सिंह लोधी की स्मृति में पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय की क्षमता दोगुनी की गई है और राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र में ₹235 करोड़ का निवेश किया गया है।

छात्रों को मिलेगा एआई सिटी का सर्वाधिक लाभ मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश अब भारत में तीसरे स्थान पर स्टार्टअप हब के रूप में उभरा है, जहां 7,200 से अधिक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं और 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। प्रदेश में अब 8 यूनिकॉर्न भी हैं। विशेष रूप से लखनऊ में एक एआई सिटी प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है, जिसके तहत 50,000 से अधिक रोजगार सृजन का लक्ष्य है। 400 से अधिक कंपनियों की इसमें भागीदारी होगी। आईबीएम द्वारा एआई केंद्र की स्थापना होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का लखनऊ कैंपस इस एआई सिटी से सर्वाधिक लाभान्वित होगा, जिससे छात्र वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी,उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी मौजूद रहे।