अब सिर्फ 2.5 घंटे में आगरा से बरेली, 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास और 5 बड़े पुल
Agra To Bareilly Expressway corridor: मथुरा-बरेली कॉरिडोर बनने से आगरा से बरेली का सफ़र घटकर सिर्फ़ ढाई घंटे का रह जाएगा। 7700 करोड़ की लागत से बन रहा यह हाईवे 2027 तक पूरा होगा और 15 जिलों को लाभ पहुंचाएगा।
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
आगरा से बरेली अब सिर्फ ढाई घंटे में
यूपी को जल्द मिलने जा रही है 228 किमी लंबी मथुरा-बरेली कॉरिडोर की सौगात। इस हाईवे के बनते ही आगरा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, बदायूं और बरेली के बीच सफर आधा हो जाएगा। अब 5 घंटे का सफर महज़ 2.5 घंटे में तय होगा।
7700 करोड़ से बन रहा है सुपर कॉरिडोर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया बना रही है यह कॉरिडोर, जिसकी कुल लागत ₹7700 करोड़ होगी। यह प्रोजेक्ट चार हिस्सों में बंटा है, जिनका निर्माण अलग-अलग कंपनियां कर रही हैं। जून से हाथरस तक का सफर शुरू हो जाएगा।
चार पैकेज में बन रही है यह मेगा सड़क
कॉरिडोर का निर्माण चार हिस्सों में हो रहा है: मथुरा-हाथरस (66 किमी), हाथरस-कासगंज (57 किमी), कासगंज-बदायूं (46 किमी), और बदायूं-बरेली (59 किमी)। निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और हाथरस तक 58 किमी रोड बन चुकी है।
15 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
मथुरा, आगरा, टूंडला, एटा, कासगंज, हाथरस, बदायूं और बरेली समेत 15 जिलों को यह कॉरिडोर सीधा जोड़ देगा। लोगों को जाम से राहत मिलेगी, समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। गांवों से शहरों तक आवागमन तेज़ होगा।
20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास और 6 ROB बनेंगे
स्थानीय यात्रियों को ध्यान में रखते हुए इस कॉरिडोर में 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास, 6 रेलवे ओवरब्रिज और 5 बड़े पुल बनाए जा रहे हैं। इससे नजदीकी गांवों के लोगों को आवाजाही में काफी सुविधा मिलेगी।
गंगा-यमुना पर भी बनेंगे शानदार पुल
यमुना नदी पर मथुरा के ब्राह्मण घाट में और गंगा नदी पर सोरों में पुल बनाए जा रहे हैं। इन पुलों के बनने से कॉरिडोर का कनेक्टिविटी नेटवर्क और भी मजबूत होगा और यात्रा और अधिक आसान बन जाएगी।
नैनीताल की सैर अब और आसान
आगरा-बरेली कॉरिडोर बनने के बाद बरेली से नैनीताल जाना आसान हो जाएगा। टूरिज्म को मिलेगा बड़ा बूस्ट और पर्यटकों का समय बचेगा। मथुरा और हाथरस के लोग भी अब कम समय में पहाड़ों की ओर रुख कर सकेंगे।
साल 2027 तक पूरा होगा कॉरिडोर
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय वर्मा के अनुसार मथुरा-बरेली कॉरिडोर 2027 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। अगले महीने से हाथरस तक का सफर शुरू होगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश की सड़क क्रांति का प्रतीक बनेगा।