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सियासत में बगावत, फिर मिलन और अब मौन! सुखदेव ढींडसा की कहानी में क्या था आख़िरी मोड़?

Sukhdev Singh Dhinds: यह वही नेता थे जिन्होंने किसानों के लिए पद्म भूषण लौटा दिया, पार्टी से 2 बार निकाले गए, खुद की पार्टी बनाई, फिर उसी दल में लौटे और फिर से बाहर कर दिए गए। अब जब उनका निधन हुआ है, तो सियासी गलियारों में कई सवाल फिर से गूंजने लगे…

Surya Prakash Tripathi | Updated : May 29 2025, 07:06 AM
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89 साल की उम्र में मोहाली के अस्पताल में ली अंतिम सांस
Image Credit : Social Media

89 साल की उम्र में मोहाली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

देश के वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा का बुधवार शाम निधन हो गया। 89 वर्षीय ढींडसा को मंगलवार को गंभीर हालत में मोहाली के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली। अस्पताल के अनुसार वे गंभीर निमोनिया, हृदय संबंधी जटिलताओं और उम्रजनित समस्याओं से जूझ रहे थे।

अस्पताल का बयान – “बेहतर चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, शाम 5:05 बजे कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया।”

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पद्म भूषण लौटाकर चर्चा में आए थे ढींडसा
Image Credit : Social Media

पद्म भूषण लौटाकर चर्चा में आए थे ढींडसा

2019 में सुखदेव सिंह ढींडसा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, लेकिन उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ एकजुटता जताते हुए यह सम्मान स्वेच्छा से लौटा दिया था। इस कदम ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया।

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गांव के सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक: संघर्षों से भरा राजनीतिक सफर
Image Credit : Social Media

गांव के सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक: संघर्षों से भरा राजनीतिक सफर

  • सुखदेव सिंह ढींढसा जन्म: 9 अप्रैल 1936, गांव उभावाल (संगरूर, पंजाब)
  • राजनीति की शुरुआत: छात्र जीवन में सरकारी रणबीर कॉलेज, संगरूर से
  • पहले बने गांव के सरपंच, फिर 1972 में धनौला से निर्दलीय विधायक
  • बाद में सुनाम और संगरूर से कई बार विधायक चुने गए
  • 2004 में लोकसभा पहुंचे और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने
  • उन्होंने केंद्र में खेल, उर्वरक और रसायन मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला।
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पार्टी से दो बार निष्कासित, फिर की अपनी पार्टी की स्थापना
Image Credit : Social Media

पार्टी से दो बार निष्कासित, फिर की अपनी पार्टी की स्थापना

सुखदेव सिंह ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल से दो बार निष्कासित किया गया—

  • पहली बार फरवरी 2020 में,
  • और दूसरी बार अगस्त 2024 में, जब उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर सख्त सवाल उठाए।

इसके बाद उन्होंने

  • 2020 में शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेट) और
  • 2021 में शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) नामक संगठन बनाए।
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2024 में किया विलय, फिर निकाले गए
Image Credit : Social Media

2024 में किया विलय, फिर निकाले गए

मार्च 2024 में ढींडसा ने अपनी पार्टी का शिरोमणि अकाली दल में विलय कर दिया, लेकिन यह मेल ज़्यादा दिन नहीं चला। अगस्त 2024 में, उन्हें फिर से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर कर दिया गया।

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 ‘अकाली सुधार लहर’: बगावती नेताओं की नई पहल
Image Credit : Social Media

‘अकाली सुधार लहर’: बगावती नेताओं की नई पहल

ढींडसा, उनके बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा, पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और बीबी जागीर कौर ने मिलकर ‘अकाली सुधार लहर’ की शुरुआत की। इस अभियान का मकसद था—

  • अकाली दल को पारदर्शी और जनभावनाओं के अनुरूप बनाना
  • युवाओं को जोड़ना और सिख राजनीति में विश्वास बहाल करना
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धार्मिक सज़ा भी झेलनी पड़ी
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धार्मिक सज़ा भी झेलनी पड़ी

2 दिसंबर 2024 को अकाल तख्त ने ढींडसा, सुखबीर बादल और अन्य नेताओं को धार्मिक अनुशासन भंग करने के लिए ‘तनखाह’ (धार्मिक दंड) सुनाया। यह दंड 2007-2017 के बीच की बेअदबी घटनाओं और राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर था।

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बेटे ने भी दोहराई पिता की कहानी
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बेटे ने भी दोहराई पिता की कहानी

परमिंदर सिंह ढींडसा, जो 2012 से 2017 तक पंजाब के वित्त मंत्री रहे, दो बार पार्टी से निकाले गए। वे भी अकाली दल के अंदर पारदर्शिता और नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाते रहे। ढींडसा भले ही अब दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन उनके जीवन के राजनीतिक उतार-चढ़ाव, पार्टी से बार-बार निकाला जाना, और धार्मिक विवाद जैसे मुद्दे आने वाले समय में भी चर्चा का विषय बने रहेंगे।

Surya Prakash Tripathi
About the Author
Surya Prakash Tripathi
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी 19 फरवरी 2024 से एशियानेट न्यूज हिंदी में कार्यरत हैं। पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा डबल MA LLB की डिग्री हासिल की है। 20 जुलाई 2003 से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूं। क्राइम, धर्म और राजनीति के साथ सामाजिक मुद्दों पर लिखने की रुचि है। बीते समय में हिंदी दैनिक आज, डेली न्यूज एक्टिविस्ट, अमर उजाला, दैनिक भास्कर डिजिटल (DB DIGITAL) जैसे मीडिया संस्थानों के लिए डेस्क और फील्ड रिपोर्टिंग कर चुके हैं। Read More...
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