सीएम ने बाहर तिरपाल में लगे रैन बसेरे को देखा। लोगों को जमीन पर लेटे देख सीएम ने पूछा कि यहां की व्यवस्था कौन देखता है।
कोरबा, छत्तीसगढ़. इंसान और जानवरों के बीच हमेशा से भावनात्मक रिश्ता रहा है। दलदल में फंसे मादा हाथी की जिंदगी बचाने वन विभाग के अमले और गांववालों ने दिन-रात एक कर दिया। हालांकि अभी उसे निकाला नहीं जा सका है। मादा हाथी कितने घंटे से दलदल में फंसा हुआ है, इसका कुछ पता नहीं चल सका है। वन विभाग का मानना है कि केंदई वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कुल्हारिया के आश्रित मोहल्ला वनखेतापारा में 40-50 हाथियों का का झुंड घूम रहा है। यह मादा हाथी भी इस झुंड का हिस्सा है। गुरुवार को कुछ लोगों की नजर दलदल में फंसी हथिनी पर पड़ी। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर केंदई रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी अश्विनी चौबे उड़नदस्ता टीम के साथ पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया। हालांकि गुरुवार रात तक हथिनी को दलदल से नहीं निकाला जा सका।
ठंड के महीने में चोरी, छिनतई, लूट जैसी घटनाएं बढ़ जाती है। ठंड की वजह से लोग बिस्तर में दुबके रहते हैं दूसरी तरफ अपराधी अपराध करके निकल जाते हैं। इस समय में देर रात अकेले आना-जाना भी खतरे से खाली नहीं है।
1988, 1995, 1998, 2004 बैच के आईएएस अफसरों को प्रमोशन मिल सकता है। कुछ अफसर प्रमुख सचिव से अपर मुख्य सचिव बनेंगे। कुछ अफसर सचिव कमिश्नर से प्रमुख सचिव बनेंगे।
लालू प्रसाद यादव का पारिवारिक कलह थमता नजर नहीं आ रहा है। गुरुवार को राबड़ी देवी ने अपने आवास से ऐश्वर्या राय के सभी सामानों को गाड़ी पर लाद कर उनके मायके भेजवा दिया। हालांकि चंद्रिका राय ने सामानों को लेने से मना कर दिया।
मां और बेटे की अटूट रिश्ते की भावुक करने वाली यह घटना जालंधर की है। ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवाने के बावजूद एक शख्स को दर्द के बीच भी अपनी बूढ़ी मां की चिंता थी। वो नहीं चाहता था कि उसकी मां को घटना का पता चले।
लड़की हाईस्कूल की छात्रा है। आरोपी ने उसे 6 माह पहले फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। करीब दो माह पहले दोनों पकड़े गए थे।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई थी। मेरठ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, संभल, फिरोजाबाद, कानपुर और रामपुर में 19 लोगों की जान गई थी।
पर्यावरण और पूर्वजों की स्मृतियों को सहेजने की यह पहल गांव वालों को पसंद आई। सभी लोगों ने यह संकल्प ले लिया कि अब गांव में किसी की भी मृत्यु होगी तो उनके परिजन उनकी याद में कम से कम पांच पौधा का रोपण करेंगे।
रेल दुर्घटना में कमी आई है। ट्रेनों की लेट-लतीफी पर भी लगाम लगी है। पूर्वोत्तर रेलवे की 95 प्रतिशत ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट यूज किया जा रहा है।