Vijay Shah SIT probe: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई कथित अभद्र टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस बयान को बेहद आपत्तिजनक बताते हुए राज्य सरकार को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश दिए।

कौन हैं SIT के सदस्य? इन वरिष्ठ अधिकारियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा जारी आदेश में तीन वरिष्ठ अधिकारियों को इस संवेदनशील मामले की जांच सौंपी गई है:

IG प्रमोद वर्मा – सागर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक

DIG कल्याण चक्रवर्ती – SAF, भोपाल में उप महानिरीक्षक

SP वाहिनी सिंह – डिंडोरी की पुलिस अधीक्षक (SIT की महिला सदस्य)

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, SIT की अगुवाई IG रैंक का अधिकारी करेगा और एक महिला अधिकारी का शामिल होना अनिवार्य था।

क्या कहा था विजय शाह ने? वायरल वीडियो ने मचाया बवाल

एक वायरल वीडियो में विजय शाह कथित रूप से कहते दिखे, "जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था... हमने उनकी बहन भेज कर उनकी ऐसी की तैसी कराई।" इस बयान को लेकर यह आरोप लगाया गया कि मंत्री ने सेना की वरिष्ठ महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को निशाना बनाया, जिन्होंने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक प्रेस ब्रीफिंग में हिस्सा लिया था और देशभर में उनकी सराहना हो रही थी। सफाई में बोले मंत्री: "अगर ठेस पहुंची हो, तो मैं 10 बार माफी मांगता हूं"। विवाद बढ़ने के बाद विजय शाह ने सफाई देते हुए कहा: "अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं दस बार माफी मांगने को तैयार हूं। मैं कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करता हूं।" हालांकि, उनकी ये सफाई विरोधियों और सोशल मीडिया यूजर्स को संतुष्ट नहीं कर सकी।

28 मई तक देनी होगी SIT को पहली रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने SIT को 28 मई 2025 तक अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच के नतीजे क्या होंगे और क्या मंत्री विजय शाह को उनके बयान के लिए कानूनी नतीजों का सामना करना पड़ेगा।

क्या SIT ला पाएगी सच्चाई सामने?

विजय शाह की टिप्पणी और वायरल वीडियो ने देशभर में बवाल खड़ा कर दिया है। अब IG प्रमोद वर्मा, DIG चक्रवर्ती और SP वाहिनी सिंह की SIT के निष्कर्ष तय करेंगे कि क्या यह मामला सिर्फ 'गलतफहमी' था या इसके पीछे कोई गहरी सोच छिपी थी।