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Jhabua Accident: कैसे टूटे एक परिवार के सपने? एक हादसा, 9 मौतें और कई सवाल
शादी से लौट रही कार पर मौत बनकर टूटा सीमेंट से लदा ट्रक! झाबुआ में रात 2:30 बजे रेलवे फाटक के पास दिल दहला देने वाला हादसा… 9 लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत। क्या ये सिर्फ एक्सीडेंट था या सिस्टम की बड़ी लापरवाही? सच्चाई अब भी सवालों में उलझी है…
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शादी से लौटते ही टूट पड़ा मौत का कहर
MP के झाबुआ में मंगलवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। शादी से लौट रहे परिवार की ईको वैन पर सीमेंट से भरा ट्रक पलट गया। वैन में सवार 11 लोगों में से 9 की मौके पर मौत हो गई। हादसे की भयावहता ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। शादी की खुशी एक पल में मातम में बदल गई।
रेलवे फाटक बना मौत का ट्रैप
यह हादसा संजेली रेलवे फाटक के पास हुआ, जहां एक निर्माणाधीन ओवरब्रिज के नीचे से अस्थायी सड़क गुजरती है। ट्रक जब इस अस्थायी और खराब सड़क पर चढ़ा, तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे वैन पर पलट गया। इस मोड़ को पहले भी हादसों का गवाह बताया जा चुका है।
9 में से 8 मृतक एक ही गांव के
मारे गए 9 लोगों में से 8 लोग थांदला के पास स्थित शिवगढ़ महुदा गांव के रहने वाले थे। सभी लोग एक ही शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे। पूरी रात खुशी में डूबे इस परिवार की सुबह की पहली किरण कभी नहीं आई। हादसे ने गांव में शोक की लहर दौड़ा दी।
दर्द से दहला झाबुआ, हर आंख नम
घटना के बाद जैसे ही शव गांव पहुंचे, हर आंख नम हो गई। परिजन बेसुध हो गए और इलाके में मातम छा गया। एक साथ इतने जनाजे देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। शोक संतप्त परिवारों के घरों में सिर्फ आंसू और चीत्कार बची थी।
ट्रक में भरा था सीमेंट, बना मौत का वजन
राजस्थान से आ रहे इस ट्रक में भारी मात्रा में सीमेंट लदा हुआ था। इसी भारी वजन की वजह से जब ट्रक वैन पर गिरा, तो उसे पूरी तरह कुचल दिया। भारी बोझ और संतुलन बिगड़ने का यह खतरनाक मेल एक परिवार की जिंदगी लील गया।
कब और कैसे घटी दिल दहला देने वाली घटना?
हादसा रात करीब 2:30 बजे हुआ जब परिवार शादी से लौट रहा था। अंधेरे और खराब रास्ते में ट्रक का नियंत्रण बिगड़ा। रात की इस खामोशी में सिर्फ एक तेज धमाका और फिर मौत की चीखें गूंज उठीं। राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी और बचाव कार्य शुरू हुआ।
घटनास्थल बना दर्द का गवाह, मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ला समेत अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। मृतकों के शव थांदला अस्पताल भिजवाए गए और घायलों का इलाज जारी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और ट्रक चालक की भूमिका की छानबीन की जा रही है।
हादसा या लापरवाही? उठने लगे सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। निर्माणाधीन ब्रिज के पास ऐसी असुरक्षित अस्थायी सड़क क्यों चल रही थी? स्थानीय लोग पहले भी हादसों की चेतावनी दे चुके हैं, फिर भी कोई ठोस उपाय क्यों नहीं हुआ? सवाल बहुत हैं, जवाब कोई नहीं।