छतरपुर अपहरण कांड: बंदूकें गरजीं, SUV में गायब हुई ज़िंदगी! मध्यप्रदेश के छतरपुर में बदमाशों ने दिनदहाड़े महिला और उसकी दो बेटियों को गोली चलाकर अगवा कर लिया। वायरल वीडियो और कांग्रेस के आरोपों ने राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

Woman and daughters kidnapped : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के सुमेदी गांव में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। करीब एक दर्जन हथियारबंद बदमाशों ने दोपहर क़रीब 12:30 बजे घर में घुसकर एक महिला और उसकी दो मासूम बेटियों (7 और 5 वर्ष) का दिनदहाड़े बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया।

फायरिंग के बीच SUV में जबरन बिठाकर ले गए, पति गंभीर रूप से घायल

आरोपियों ने पहले पीड़िता के पति हरिराम पाल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे गंभीर रूप से घायल किया और फिर महिला व दोनों बेटियों को जबरन SUV में ठूंसकर फरार हो गए। इस दौरान हवा में गोलियां भी चलाई गईं, जिससे पूरे गांव में अफरातफरी मच गई।

वायरल वीडियो से उड़ी कानून व्यवस्था की धज्जियाँ

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें अपहरण की पूरी वारदात को गांव वालों ने रिकॉर्ड किया। वीडियो में आरोपी सरेआम फायरिंग और अपहरण करते दिख रहे हैं। यह दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं।

 

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पुलिस की 5 टीमें गठित, 5 आरोपी हिरासत में, बाकी की तलाश जारी

छतरपुर पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए 5 विशेष टीमें गठित की हैं। अब तक 5 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है और बाकी की तलाश में छापेमारी जारी है। सुराग देने वालों के लिए ₹10,000 इनाम की भी घोषणा की गई है।

विपक्ष का सरकार पर हमला: “मध्यप्रदेश बना जंगलराज”

इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “मध्यप्रदेश में कानून का डर खत्म हो गया है, जंगलराज फैल चुका है।” पटवारी ने सवाल उठाया कि जब राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास गृह विभाग भी है, तो ऐसी घटनाओं पर उनकी चुप्पी क्यों है?

क्या है पुलिस का अगला कदम?

छतरपुर पुलिस अब अगवा महिला और बच्चों की तलाश, आरोपियों के नेटवर्क की जांच, और मोटिव की तह तक जाने के प्रयास में जुटी है। वहीं परिवार की सुरक्षा और ग्रामीणों में डर को देखते हुए गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। छतरपुर में हुई ये घटना सिर्फ एक क्राइम नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था पर सीधा हमला है। अब पूरा प्रदेश जानना चाहता है कि – क्या महिला और बेटियों को सुरक्षित बचाया जा सकेगा? क्या आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा? या यह घटना भी केवल एक आंकड़ा बनकर रह जाएगी?