Heartbreak on Highway: शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाया, सेल्फी ली और घर के लिए निकले, लेकिन रास्ते में अचानक मौत ने दबोच लिया! बाइक रोकी, कॉल करने की कोशिश की… फिर सब खत्म हो गया! ये मौत थी या कोई अलक्षित संकेत? जानिए पूरी कहानी।

Teacher dies heart attack Khargone:  मध्यप्रदेश के खरगोन जिले से शुक्रवार को एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जिसने न केवल शिक्षक समुदाय को, बल्कि हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया। भगवानपुरा विकासखंड के लाहौरपानी प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 47 वर्षीय शिक्षक भावलाल चौहान ने हमेशा की तरह उस दिन भी बच्चों को पढ़ाया, और बच्चों के साथ आखिरी बार मुस्कुराते हुए सेल्फी भी ली। किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह उनकी ज़िंदगी का अंतिम शिक्षण सत्र होगा।

घर लौटते समय अचानक हुआ सीने में दर्द

शिक्षण कार्य पूरा करने के बाद भावलाल चौहान बाइक से अपने घर लौट रहे थे। बिस्टान थाना क्षेत्र के पास अचानक उन्हें सीने में तेज़ दर्द महसूस हुआ। उन्होंने तुरंत बाइक सड़क किनारे रोकी और परिजनों को फोन करने का प्रयास किया। लेकिन फोन लगाते-लगाते ही उन्हें चक्कर आया और वे ज़मीन पर गिर पड़े। यह सब कुछ इतना अचानक हुआ कि आसपास के लोगों को समझने में भी वक्त लग गया कि यह मामूली चक्कर नहीं, बल्कि किसी गहरी विपत्ति की आहट थी।

स्थानीय लोगों ने दी मदद, लेकिन नहीं बची जान

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत परिजनों को सूचना दी। भावलाल को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत का कारण प्राथमिक रूप से हार्ट अटैक माना जा रहा है।

शिक्षा जगत में मातम, शिक्षक संघ ने जताया गहरा दुख

भावलाल चौहान के अचानक निधन की खबर जैसे ही फैली, पूरे शिक्षा समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। स्कूल के छात्रों और सहकर्मी शिक्षकों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा कि जो व्यक्ति कुछ घंटों पहले बच्चों को पढ़ा रहा था, वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। राज्य शिक्षक संघ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सरकार से उनके परिवार को अनुग्रह राशि और आवश्यक सहायता देने की मांग की है।

आखिरी सेल्फी बनी अंतिम मुस्कान की गवाही

भावलाल चौहान द्वारा बच्चों के साथ ली गई अंतिम सेल्फी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह केवल एक तस्वीर नहीं, बल्कि उस समर्पण की मिसाल है, जिसमें एक शिक्षक अपनी ड्यूटी निभाते हुए अंत तक बच्चों को मुस्कुराना सिखाता रहा।

इस घटना से सबक

यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि काम और जीवन की व्यस्तता में हम अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं। शिक्षक भावलाल चौहान का अचानक जाना इस बात का प्रतीक है कि हमें समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच और उचित देखभाल करनी चाहिए।