MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Madhya Pradesh
  • कफन में लिपटी खुशियां: जो बारात में गए थे, वे अब अंतिम यात्रा पर- झबुआ में एक साथ जलीं 8 चिताएं

कफन में लिपटी खुशियां: जो बारात में गए थे, वे अब अंतिम यात्रा पर- झबुआ में एक साथ जलीं 8 चिताएं

शादी की खुशियों से लौटते 9 लोग लौटे तो कफन में! झाबुआ में रात के अंधेरे में एक सीमेंट ट्रॉले ने वैन को रौंद डाला। एक साथ जलीं 8 चिताएं, एक परिवार पूरी तरह खत्म, बचा सिर्फ बूढ़ा मां-बाप। हादसा था या लापरवाही का खूनी खेल? पूरा गांव सन्न है।

3 Min read
Surya Prakash Tripathi
Published : Jun 05 2025, 08:27 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
19
 जश्न से मातम तक: एक रात ने छीना पूरा परिवार
Image Credit : Social Media

जश्न से मातम तक: एक रात ने छीना पूरा परिवार

जो लोग शादी की खुशियों में शामिल होकर लौट रहे थे, उन्हें क्या पता था कि मौत रास्ते में इंतजार कर रही है। झाबुआ में सीमेंट से भरा ट्रॉला वैन को कुचलता चला गया। आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वो मुस्कानें, जो अभी कुछ घंटे पहले हँसी में गूंज रही थीं, अब ताबूतों में सिमट गईं।

29
मां-बाप के सामने बेटे-बहू, पोते-पोतियों की चिता जली
Image Credit : Social Media

मां-बाप के सामने बेटे-बहू, पोते-पोतियों की चिता जली

 रेलकर्मी मुकेश खपेड़, उनकी पत्नी, बेटे-बेटी और रिश्तेदारों की दर्दनाक मौत ने उनके बूढ़े माता-पिता की दुनिया उजाड़ दी। जो मां-बाप बेटे की लंबी उम्र की कामना कर रहे थे, उन्हें उसी बेटे और उसके पूरे परिवार की चिता के सामने बैठना पड़ा। अब उनका जीवन सिर्फ सिसकियों में बीत रहा है।

Related Articles

Related image1
Jhabua Accident: कैसे टूटे एक परिवार के सपने? एक हादसा, 9 मौतें और कई सवाल
Related image2
Army Officer Missing: CCTV, साइबर ट्रेसिंग और पूछताछ के बावजूद हाथ खाली... कहां खो गए कर्नल निगम?
39
‘शादी में लौट रहे थे, अब लकड़ी पर लौटे’ – गांव में पसरा मातम
Image Credit : Social Media

‘शादी में लौट रहे थे, अब लकड़ी पर लौटे’ – गांव में पसरा मातम

शिवगढ़ मऊड़ा गांव में एक के बाद एक शव पहुंचे तो पूरा गांव गूंज उठा। पहले वाहन से उतरे तीन शव, फिर चार और। अंतिम वाहन ने आखिरी शव लाया। हर चिता पर एक अधूरी कहानी थी—किसी की मां गई, किसी की बहन, किसी का बेटा, किसी की पूरी दुनिया। हर चीख के साथ आसमान भी रो पड़ा।

49
15 साल का बच्चा, जिसने दो बार अपनों को खोया
Image Credit : Social Media

15 साल का बच्चा, जिसने दो बार अपनों को खोया

शादी से लौटते वक्त एक 15 साल का लड़का बाइक से अलग आया था। इसी कारण उसकी जान बची। लेकिन मां, बहन और भाई की लाशें देखकर वह गूंगा हो गया है। पिता को वह पहले ही एक भीड़ में गंवा चुका है। तीन साल पहले उसके पिता को भीड़ ने मार डाला था। अब इस हादसे ने मां, भाई और बहन को छीन लिया। बाइक से आने के कारण वह बच गया, लेकिन उसकी आंखों में अब सिर्फ शून्यता है। कोई शब्द, कोई सांत्वना उस खालीपन को नहीं भर सकती, जो उस मासूम के दिल में अब समा चुका है।

59
 ट्रॉला आया, कुचला और ले गया ज़िंदगियां
Image Credit : Social Media

ट्रॉला आया, कुचला और ले गया ज़िंदगियां

यह हादसा महज चूक नहीं, एक सिस्टम की लापरवाही का नतीजा था। रात करीब 3 बजे ट्रॉला ओवरब्रिज निर्माण स्थल पर पलटा और ईको वैन को कुचलते हुए घसीटता रहा। ग्रामीणों का कहना है, अगर जेसीबी और रेस्क्यू समय पर पहुंचते, तो शायद कुछ जानें बचाई जा सकती थीं।

69
रिश्तों की एक पूरी कड़ी टूटी – 11 लोग, एक ही परिवार
Image Credit : Social Media

रिश्तों की एक पूरी कड़ी टूटी – 11 लोग, एक ही परिवार

वैन में बैठे सभी 11 लोग एक ही रिश्तेदारी में जुड़े थे। मढ़ी बाई अपने बच्चों और भतीजी के साथ मुकेश की वैन में सवार थी। शादी के पहले दिन गणेश पूजन था और वे खुशी-खुशी उसमें शामिल होकर लौट रहे थे। लेकिन किसे पता था कि ये सफर उनकी ज़िंदगी की आखिरी यात्रा बन जाएगी।

79
 बच गए दो, पर जिंदा लाश जैसे हैं
Image Credit : social media

बच गए दो, पर जिंदा लाश जैसे हैं

19 साल की पायल और 5 साल का मासूम आशु—ये दो ही जिंदा बचे हैं। लेकिन उनकी आंखों में जो देखा, वह किसी डरावने सपने से कम नहीं। अस्पताल में भर्ती इन बच्चों की आंखों में अब डर, ग़म और सवाल ही सवाल हैं—"मम्मी कहां हैं? पापा क्यों नहीं आ रहे?" जवाब किसी के पास नहीं।

89
 सपने में भी नहीं सोचा था कि होगा ये आखिरी सफर
Image Credit : Social Media

सपने में भी नहीं सोचा था कि होगा ये आखिरी सफर

मढ़ी बाई अपने बच्चों के साथ शादी में शामिल होने निकली थीं। गणेश पूजन के बाद घर लौटते हुए किसे पता था, ये सफर उनकी ज़िंदगी का आखिरी होगा। गांव में हर आंख नम है और हर दिल डरा हुआ।

99
 सवाल अनगिनत, जवाब कोई नहीं – कौन जिम्मेदार?
Image Credit : Social Media

सवाल अनगिनत, जवाब कोई नहीं – कौन जिम्मेदार?

क्या ओवरब्रिज निर्माण के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम थे? क्यों ट्रॉला उस साइट से इतनी बेरहमी से गुजर पाया? जेसीबी दो घंटे देरी से क्यों आई? अगर वो जल्दी पहुंचती, तो क्या कुछ लोग आज जिंदा होते? यह हादसा दर्द का पहाड़ बन गया है, लेकिन जिम्मेदार कौन है, ये अब भी अधूरी कहानी है।

About the Author

SP
Surya Prakash Tripathi
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी। 20 जुलाई 2003 से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत। कुल 22 साल का अनुभव। 19 फरवरी 2024 से एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री के साथ इन्होंने डबल MA LLB भी किया हुआ है। इन्होंने क्राइम, धर्म और राजनीति के साथ सामाजिक मुद्दों पर लिखने की रुचि है। हिंदी दैनिक आज, डेली न्यूज एक्टिविस्ट, अमर उजाला, दैनिक भास्कर डिजिटल (DB DIGITAL) जैसे मीडिया संस्थानों में भी सूर्या सेवाएं दे चुके हैं।
मध्य प्रदेश दुर्घटना समाचार
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved