मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में कहा कि प्रदेश की गौ-शालाओं को ‘गौ-मंदिर’ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, गायों के पोषण के लिए सहायता राशि दोगुनी और स्वदेशी गोबर दीया प्रकल्प की सराहना की।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समाज और सरकार के सहयोग से प्रदेश की सभी गौ-शालाओं को ‘गौ-मंदिर’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गौ-शालाओं में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। राज्य सरकार गौ-शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहायता देगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्राकृतिक तरीके से तैयार उपज पर किसानों को समर्थन मूल्य के साथ अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि गौ-शालाओं का संचालन अब नगरीय निकायों द्वारा सुव्यवस्थित रूप से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुले में विचरण करने वाली निराश्रित गायों को अब पिंजरे में नहीं बल्कि गौ-शालाओं में सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि उनकी बेहतर देखभाल हो सके।

इंदौर में गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर जिले की हातोद तहसील के खजूरिया स्थित रेशम केंद्र गौ-शाला में आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गोवर्धन पूजन किया।

'गाय का दूध अमृत समान'- CM मोहन यादव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान है, जिसमें सबसे अधिक पोषक तत्व होते हैं। इसके सेवन से बीमारियां दूर होती हैं और व्यक्ति स्वस्थ व प्रसन्न रहता है। उन्होंने कहा कि गौ-माता दोहरा पोषण करती हैं — अपने बछड़े का भी और मानव जाति का भी। प्राचीन समय से ही हर आश्रम में गाय पाली जाती थी और घरों में पहली रोटी गौ-माता के लिए बनाई जाती है।

बालिका महक शर्मा को सम्मान

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर बनाए गए आकर्षक गोवर्धन पर्वत की सराहना की और उसे सजाने वाली बालिका महक शर्मा को सम्मानित किया। उन्हें 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई और मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त 11 हजार रुपये देने की घोषणा भी की।

अखाड़े का निरीक्षण और पहलवानों से संवाद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-शाला में बने अखाड़े का अवलोकन किया, कुश्ती मुकाबले देखे और पहलवानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि ऐसे अखाड़ों से हमारे युवा “कृष्ण और बलराम” जैसे बनेंगे। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस अखाड़े में आधुनिक मेट कुश्ती की सुविधा भी जोड़ी जाएगी।

कैलाश विजयवर्गीय ने की गौ-शाला सेवा की अपील

नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जनप्रतिनिधि भी गौ-शालाओं के विकास में आर्थिक सहयोग दें। उन्होंने कहा कि गौ-माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है और उनकी सेवा सबसे बड़ा धर्म है। विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि लोग अपने बच्चों का जन्मदिन गौ-सेवा करके मनाएं और गोबर व गोमूत्र से आत्मनिर्भर गौ-शालाएँ बनाने की दिशा में काम करें।

गायों के पोषण के लिए बढ़ाई गई सहायता राशि

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रति गाय पोषण राशि को दोगुना कर दिया है। इससे गौ-पालन और संवर्धन दोनों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि रेशम केंद्र गौ-शाला को आदर्श गौ-शाला के रूप में विकसित किया जाएगा।

इंदौर महापौर ने बताया गौ-शाला का विस्तार

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि नगर निगम सतत रूप से गौ-शाला के विस्तार पर कार्य कर रहा है। पहले यहां 630 गायें थीं, जो अब बढ़कर 2300 से अधिक हो गई हैं। उन्होंने बताया कि गौ-शाला में आधुनिक हॉस्पिटल और आईसीयू सेंटर भी बनाया गया है, जहां बीमार गायों का उपचार होता है।

गौ-सेवा में जनभागीदारी बढ़ी

स्वामी अच्युतानंद जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से प्रदेशभर में गौ-सेवा के प्रति जनभागीदारी बढ़ी है। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जैसी जगहों पर हजारों गायों का पालन जनसहयोग से हो रहा है। रेशम केंद्र गौ-शाला में रोजाना 100 से 150 लीटर दूध का उत्पादन होता है।

गोबर से बने स्वदेशी दीयों की सराहना

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में लगे स्टॉल पर गोबर से बने स्वदेशी दीयों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। दीपावली पर इंदौर में इन दीयों की लगभग दो लाख इकाइयां बिकीं, जिससे स्थानीय स्वावलंबन को प्रोत्साहन मिला।