भोपाल में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी। कहा, “कर्तव्य की वेदी पर प्राण देने वाला अमर है।” मुख्यमंत्री ने पुलिस कल्याण, भर्ती और आधुनिकीकरण की कई घोषणाएं कीं।
भोपाल। लाल परेड ग्राउंड के शहीद स्मारक प्रांगण में मंगलवार को आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देश और प्रदेश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि शहीदों की वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना सदैव प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
“1959 की वह ठंडी सुबह आज भी याद है” मुख्यमंत्री का भावुक संबोधन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में जब हमारे 10 वीर पुलिस जवानों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, तभी से यह दिवस हमारे लिए प्रेरणा का पर्व बन गया। उन्होंने कहा, “कर्तव्य की वेदी पर प्राणों की आहुति देने वाला जवान अमर होता है। यह दिवस प्रत्येक वर्दीधारी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
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“शहीदों का परिवार, हमारा परिवार है”
मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार, पुलिस प्रशासन और पूरा समाज उनके साथ है। उन्होंने बताया कि शहीद जवानों के परिवार को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता देने की नीति लागू की गई है, जो केवल सहायता नहीं बल्कि जवानों के मनोबल का प्रतीक है।
“मध्यप्रदेश शांति का टापू, अपराधियों के हौसले पस्त”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गर्व से कहा कि आज मध्यप्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है। इसका श्रेय राज्य पुलिस की सतर्कता, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को जाता है। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद, माफिया, साइबर अपराध और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में पुलिस की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उन्होंने कहा “जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत हमारी पुलिस ने बीते वर्ष डेढ़ करोड़ के इनामी 10 नक्सलवादियों का सफाया किया और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।”
“सृजन, सेफ क्लिक और नशे से दूरी, समाज में बदलाव की लहर”
मुख्यमंत्री ने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘सृजन’, ‘सेफ क्लिक-सुरक्षित जीवन’ और ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन अभियानों ने समाज में नई सोच और जनजागरूकता का संचार किया है। उन्होंने बताया कि बालाघाट जिले में शुरू किया गया एकल सुविधा केंद्र सुरक्षा और विकास का नया प्रतीक बन गया है।
डिजिटल पुलिसिंग से बढ़ी पारदर्शिता और रफ्तार
डॉ. यादव ने कहा कि CCTNS सिस्टम के जरिए सभी थानों को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है, जिससे पुलिस, न्यायालय, अभियोजन और फॉरेंसिक विभाग एकीकृत हुए हैं। इससे जांच और सुनवाई में पारदर्शिता आई है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 से लागू नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश पुलिस बधाई की पात्र है।
“कठिन समय में पुलिस ही जनता का पहला सहारा”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई संकट आता है, जनता सबसे पहले पुलिस को याद करती है। उन्होंने इंदौर में एक पुलिस जवान द्वारा विधायक मधु वर्मा की जान बचाने के लिए त्वरित CPR देने की सराहना की और कहा कि यह पुलिस बल की संवेदनशीलता और तत्परता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
पुलिस आवास, कल्याण और भर्ती पर बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के कल्याण और आधुनिकरण पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया -
- ₹5700 करोड़ की लागत से 25,000 से अधिक पुलिस आवास बन रहे हैं।
- हर वर्ष लगभग 7,500 पदों पर भर्ती की जाएगी।
- तीन वर्षों में 21,000 पद भरने का लक्ष्य तय किया गया है।
“शहीदों की निष्ठा हमारी प्रेरणा है” -डीजीपी मकवाणा
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धा, स्मरण और संकल्प का दिन है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश पुलिस के 11 वीर जवान शहीद हुए हैं। डीजीपी ने कहा — “21 अक्टूबर 1959 से अब तक मध्यप्रदेश के 1,009 जवान कर्तव्य की वेदी पर शहीद हुए हैं। उनका बलिदान हमारी प्रेरणा है और उनके परिवारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी।”
देशभक्ति की धुनों के बीच श्रद्धांजलि परेड
कार्यक्रम के दौरान पुलिस बैंड द्वारा देशभक्ति की धुनें बजाई गईं। वरिष्ठ अधिकारियों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया। परेड का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी एसडीओपी सर्वप्रिय सिन्हा ने किया, जबकि टू-आई-सी प्रशिक्षु डीएसपी हेमंत पांडेय रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से भेंट कर संवेदनाएं व्यक्त कीं और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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