श्रद्धा बनी जानलेवा! बागेश्वर धाम में जन्मोत्सव की तैयारी के बीच तेज बारिश में गिरा विशाल टेंट, 20 लोग दबे, 8 घायल और एक श्रद्धालु की मौके पर ही मौत… क्या इस हादसे से मिल सकेगा सबक या फिर लापरवाही दोहराई जाएगी?
Bageshwar Dham tent accident: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले स्थित प्रसिद्ध बागेश्वर धाम में गुरुवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब तेज बारिश के चलते एक विशाल टेंट गिर पड़ा। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से आए श्यामलाल कौशल (50) की मौत हो गई, जबकि 8 अन्य श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ, जब भारी संख्या में लोग पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिन मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए थे।
बारिश से टेंट ढहा, 20 से ज्यादा लोग दबे
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह लगभग 7 बजे आरती के समय तेज बारिश हो रही थी। श्रद्धालु बारिश से बचने के लिए टेंट की ओर भागे। लेकिन पानी भर जाने से टेंट का स्ट्रक्चर भारी हो गया और अचानक भरभराकर नीचे गिर पड़ा। टेंट के नीचे करीब 20 लोग दब गए, जिससे घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। मौके पर अफरा-तफरी और भगदड़ की स्थिति बन गई।
सिर पर गिरा लोहे का एंगल, मौके पर मौत
दबे हुए लोगों में श्यामलाल कौशल, जो अपने दामाद राजेश कौशल के साथ दर्शन के लिए आए थे, की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उनके सिर पर टेंट का लोहे का एंगल आ गिरा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
रेस्क्यू और मेडिकल सहायता में देरी नहीं, प्रशासन ने दी सफाई
घटना के तुरंत बाद बमीठा थाना पुलिस और जिला प्रशासन ने रेस्क्यू शुरू कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय डॉक्टर डॉ. नरेश त्रिपाठी ने बताया कि जब श्यामलाल को अस्पताल लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। बमीठा थाना प्रभारी अशुतोष श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि टेंट गिरने के कारण यह हादसा हुआ और विस्तृत जांच जारी है। प्रशासन का कहना है कि बारिश की तीव्रता की किसी को उम्मीद नहीं थी।
परिजनों का आरोप: लापरवाही ने ली जान
मृतक के परिजन इस पूरे हादसे को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बता रहे हैं। राजेश कौशल ने बताया कि कार्यक्रम में भारी भीड़ थी, लेकिन बारिश से सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे। उन्होंने कहा, "अगर टेंट को ठीक से तैयार किया जाता या सुरक्षा प्रबंध पुख्ता होते, तो यह हादसा टल सकता था।"
क्या सीख लेगा प्रशासन?
भीड़भाड़ वाले आयोजनों में जरूरी है सावधानी यह हादसा एक बार फिर बड़े धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और मौसम संबंधी तैयारियों की कमी को उजागर करता है। धीरेंद्र शास्त्री जैसे बड़े नाम के आयोजनों में, जहां लाखों लोग पहुंचते हैं, वहां सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए।
श्रद्धा की भीड़ में सुरक्षा की अनदेखी बेहद खतरनाक
बागेश्वर धाम हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि श्रद्धा के नाम पर लाखों की भीड़ इकट्ठी करना जितना सहज हो गया है, उतनी ही ज़रूरी है आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे कार्यक्रमों में रोकथाम और आपातकालीन उपायों पर विशेष ध्यान दे।