प्रशांत किशोर ने जन सुराज में टिकट चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए कहा कि उम्मीदवार जनता चुनेगी। उन्होंने पलायन रोकने और युवाओं को रोजगार देने का वादा किया। बिहार में बदलाव का संदेश दिया।
बिहार चुनाव 2025: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में राजनीति की पारंपरिक शैली को चुनौती देते हुए उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जन सुराज में टिकट किसी भी पैसे या सिफारिश से नहीं मिलेगा, बल्कि जनता स्वयं तय करेगी कि कौन उम्मीदवार बनेगा। यह घोषणा उन्होंने गोपालगंज में आयोजित ‘बिहार बदलाव जनसभा’ के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान की।
कौन बनेगा जनसुराज का उम्मीदवार
प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज में उम्मीदवार वही बनेगा जिसे जनता चुनेगी। यहाँ टिकट खरीदने-बेचने का कोई खेल नहीं है जैसा कि अन्य पार्टियों में देखने को मिलता है। आवेदन प्रक्रिया के लिए सिर्फ 21 हजार रुपये की फीस है। इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। जनता तय करेगी कि कौन योग्य है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “यह कोई राजद, भाजपा या कांग्रेस जैसी पार्टी नहीं है जहाँ टिकट के लिए करोड़ों खर्च होते हैं। यहाँ जनता ही असली मालिक है और वही उम्मीदवार तय करेगी।” पीके ने युवाओं और आम जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाएगी और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होगी।
बिहार में ही मिलेगी 10-12 हजार की नौकरी
इसके साथ ही उन्होंने बिहार की सबसे बड़ी समस्या पलायन पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “हमें बिहार के युवाओं की चिंता है। हमें ऐसा मॉडल चाहिए जिससे बिहार में ही रोजगार के अवसर मिलें। दिसंबर 2025 से हर बुजुर्ग को 2000 रुपये मासिक पेंशन, बच्चों को निजी स्कूल में मुफ्त शिक्षा और युवाओं को 10 से 12 हजार रुपये का रोजगार मिलेगा।”
इस छठ तक होगी बिहार की बदहाली - पीके
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि बिहार से पलायन रुके। युवाओं को मजबूरी में अपने घर छोड़कर बाहर काम करने न जाना पड़े। इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। बिहार की आखिरी बदहाली की दिवाली और छठ इस साल होगी।”