प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव 2025 में भाजपा और जदयू को चुनौती देने की रणनीति बताई। उन्होंने मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति पर सवाल उठाते हुए जन सुराज पार्टी के जनाधार को बढ़ाने का दावा किया और नए राजनीतिक विकल्प की बात कही।
पटनाः बिहार की राजनीति में एक नई हलचल तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में किशनगंज के मदरसा अंजुमन इस्लामिया मैदान में आयोजित ‘बिहार बदलाव इजलास’ में अपनी रणनीति का खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा और जेडीयू को घेरते हुए बताया कि कैसे वे इस बार इन दोनों पार्टियों को चुनावी सिर में शिकस्त देने की योजना बना रहे हैं।
मुसलमान चुनिन्दा वोटर नहीं बल्कि ताकत - प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि राजद और महागठबंधन मुसलमानों की राजनीतिक सुरक्षा की बात तो करते हैं, लेकिन पिछले 30 वर्षों में मुस्लिम बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और रोजगार के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए? उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन ने केवल भाजपा का भय दिखाकर मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। उनके मुताबिक, मुसलमान केवल वोटर ही नहीं वह बिहार की सच्ची ताकत हैं जिनके साथ खड़े होना जरूरी है।
जेडीयू को आरक्षित सीटें मुश्किल से मिलेंगी
उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को भी 25 सीटें मिलने की संभावना नहीं है। बंगाल में भाजपा के खराब प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि अब जेडीयू भी उसी स्थिति में पहुंच चुका है, जिसको गंभीर चुनौती मिल रही है।
हिन्दू मतदाताओं का बड़ा वर्ग भाजपा के विरोध में
प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरे हिंदू समुदाय का लगभग आधा हिस्सा भाजपा की नीतियों का विरोध करता है और वे गांधी, लोहिया, बाबासाहब और समाजवादी विचारों को मानते हैं। यह वोट बैंक भाजपा के खिलाफ है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर इन हिंदू मतदाताओं के साथ 20% मुस्लिम वोट भी जन सुराज के साथ खड़े हो जाएं तो भाजपा को चुनाव में बड़ा झटका लगेगा।
मुसलमानों को सशक्त बनाने का आह्वान
प्रशांत किशोर ने मुसलमानों से कहा, “आप लालटेन की भांति जलते रहे हैं, लेकिन अब आपकी रौशनी बुझने वाली है। भाजपा, योगी और मोदी के शासन की असलियत आप देख चुके हैं। अब किसी से डरे बिना अपने हक के लिए लड़ना होगा।”
जन सुराज की बढ़ती लोकप्रियता और हिम्मत
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी जन सुराज पार्टी से जुड़े लगभग सवा करोड़ लोग हैं, जिनमें मुसलमानों की बड़ी हिस्सेदारी है। वे जन सुराज को बिहार के लिए सशक्त विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहते हैं कि उनकी सरकार बनने पर भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी और बिहार में बदलाव का नया युग आएगा।