तारापुर विधानसभा चुनाव 2025: सीट पर 2010 से जदयू का कब्जा है। नीता चौधरी से लेकर मेवालाल और अब राजीव सिंह तक जदयू ने लगातार जीत दर्ज की। लेकिन 2025 में क्या राजद इस गढ़ को भेद पाएगी या जदयू फिर से अपना दबदबा कायम रखेगी।

Tarapur Assembly Election 2025: तारापुर विधानसभा सीट बिहार की सियासत में खास पहचान रखती है। यह सीट मुंगेर जिले में आती है लेकिन जमुई लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत है। यहां पिछले कई दशकों से जदयू और राजद के बीच मुकाबला देखने को मिलता रहा है। 2010 से लगातार जदयू का दबदबा इस सीट पर कायम है। खास बात यह है कि जदयू के मेवालाल चौधरी और नीता चौधरी ने यहां पार्टी की पकड़ मजबूत बनाई। वहीं, राजद ने भी कई बार कांटे की टक्कर दी है। 2025 का चुनाव एक बार फिर इस सीट को दिलचस्प बना रहा है।

2010: नीता चौधरी ने खोला जीत का खाता

2010 में जदयू की उम्मीदवार नीता चौधरी ने पहली बार पार्टी को जीत दिलाई। उन्होंने राजद के दिग्गज नेता शकुनि चौधरी को हराया। नीता चौधरी को 44,582 वोट मिले जबकि शकुनि चौधरी को 30,704 वोट मिले। जीत का अंतर करीब 13,878 वोटों का था। इस जीत ने जदयू को इस सीट पर पैर जमाने का मौका दिया।

2015: मेवालाल चौधरी की धमाकेदार एंट्री

2015 के चुनाव में जदयू ने मेवालाल चौधरी को उम्मीदवार बनाया। उन्होंने हम पार्टी के प्रत्याशी शकुनि चौधरी को मात दी। मेवालाल चौधरी को 66,411 वोट मिले जबकि शकुनि चौधरी को 54,464 वोट मिले। जीत का अंतर 11,947 वोटों का रहा। इसी चुनाव के बाद मेवालाल चौधरी ने इस सीट पर मजबूत पकड़ बना ली।

2020: दिव्या प्रकाश को मात

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के मेवालाल चौधरी ने राजद की दिव्या प्रकाश को कड़ी टक्कर में हराया। मेवालाल को 64,468 वोट मिले जबकि दिव्या प्रकाश को 57,243 वोट पर संतोष करना पड़ा। जीत का अंतर 7,225 वोटों का रहा। इस बार लोजपा ने भी मुकाबले में हिस्सा लिया और 11 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया।

2021 उपचुनाव: राजीव कुमार सिंह की जीत

कोरोना काल में मेवालाल चौधरी के निधन के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ। जदयू ने राजीव कुमार सिंह को मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की। राजीव को 79,090 वोट मिले जबकि राजद के अरुण कुमार साह को 75,238 वोट मिले। जीत का अंतर सिर्फ 3,852 वोटों का था। यह नतीजा बताता है कि इस सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है।

जातीय और राजनीतिक समीकरण

तारापुर विधानसभा में तीन लाख से अधिक वोटर हैं। राजद का भरोसा MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) और वैश्य वोटरों पर रहता है, जबकि जदयू यहां लव-कुश (कुशवाहा और कोइरी) समीकरण पर निर्भर करती है। यही वजह है कि यहां हर चुनाव रोमांचक होता है और जीत-हार का अंतर कम रह जाता है।

2025: क्या जदयू का गढ़ कायम रहेगा?

2025 में एक बार फिर जदयू और राजद आमने-सामने होंगे। भाजपा भी गठबंधन के जरिए अपनी रणनीति मजबूत कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या राजद इस बार जीत दर्ज कर पाती है या जदयू अपने गढ़ को बचाने में सफल रहेगी।