बिहार चुनाव 2025 से पहले भोजपुरी स्टार पवन सिंह की भाजपा में वापसी तय है। दिल्ली में अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात के बाद उन्हें हरी झंडी मिली। वह 5 अक्टूबर को औपचारिक सदस्यता ग्रहण करेंगे।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच भोजपुरी सिनेमा के पावरस्टार पवन सिंह की भाजपा में वापसी की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मंगलवार को पवन सिंह ने दिल्ली में एक के बाद एक तीन बड़ी बैठकों में हिस्सा लिया। सबसे पहले उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इसके बाद पवन सिंह गृह मंत्री अमित शाह और फिर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले।
कुशवाहा से सुलह, भाजपा में वापसी की राह साफ
उपेन्द्र कुशवाहा के साथ मुलाकात के दौरान पवन सिंह को आशीर्वाद मिला। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में पवन सिंह की वजह से कुशवाहा को हुई हार के बाद दोनों के बीच मतभेद दूर करने की कोशिश की गई। इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और आरएलएम के बीच सुलह का संकेत मिल चुका है। भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े और मंत्री ऋतुराज सिन्हा भी इन बैठकों में मौजूद रहे।
अमित शाह और नड्डा से फाइनल ग्रीन सिग्नल
कुशवाहा से मुलाकात के बाद पवन सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मिले। शाह के आवास पर हुई बैठक में पवन सिंह की भाजपा में शामिल होने पर चर्चा हुई और उन्हें पार्टी में आने की हरी झंडी मिल गई। इसके बाद पवन सिंह ने जेपी नड्डा से भी मुलाकात की, जिससे उनकी घर वापसी की प्रक्रिया पूरी तरह पक्की हो गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता इस कदम को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उनका मानना है कि पवन सिंह की लोकप्रियता चुनावी रणनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
5 अक्टूबर को औपचारिक सदस्यता ग्रहण
सूत्रों के अनुसार, पवन सिंह 5 अक्टूबर को औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि उनके आने से भोजपुरिया बेल्ट में भाजपा को बड़ा फायदा मिल सकता है। खासकर युवा मतदाता और पवन सिंह के फैंस पार्टी की ओर आकर्षित होंगे।
राजनीतिक महत्व और सीट संभावनाएं
पवन सिंह ने पिछली बार काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में एनडीए को करारा झटका दिया था। उनकी बगावत के कारण गठबंधन को वह सीट गंवानी पड़ी थी। अब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कयास लगाए जा रहे हैं कि पवन सिंह भाजपा के टिकट पर काराकाट या आसपास की कोई सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि उनकी एंट्री से पार्टी के लिए राजपूत और कुशवाहा दोनों जातियों को साधना आसान होगा।
भाजपा में स्वागत और सियासी हलचल
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पवन सिंह का पार्टी में स्वागत किया जाएगा और आगामी चुनाव में उन्हें सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जाएगा। पवन सिंह की लोकप्रियता और स्टार पावर पार्टी के लिए रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। वहीं, विपक्षी दलों में इस खबर के बाद हलचल मची हुई है और राजनीतिक विश्लेषक इसे बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी जंग में बड़ा मोड़ मान रहे हैं।
