यह हैं 21 साल के अनूप ओझा। ये राजस्थान में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद रोजी-रोटी का संकट हुआ, तो अपने घर बिहार के बक्सर निकल गए। इस कठिन समय में गरीबों के लिए भोजन एक बड़ी समस्या हो गई है, लेकिन अनूप के लिए यह एक विकराल समस्या है। दिखने में सामान्य कदकाठी के अनूप एक बार में 40 रोटियां और 20 प्लेट चावल सूत जाते हैं। कोई व्यक्ति अधिक से अधिक 5-6 लिट्टी खा सकता है, लेकिन ये एक बैठक में 85 लिट्टी खा गए। ये इन दिनों 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किए गए हैं। सेंटर के रसोइये इनकी डाइट से परेशान हैं।