Double Murder in Nalanda: बिहार के नालंदा जिले के डुमरावां गांव में रविवार की रात एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई। कीर्तन के माहौल में श्रद्धा के बीच अचानक गोलियों की आवाज गूंज उठी। देखते ही देखते गांव की 12 वर्षीय अन्नू कुमारी और 15 वर्षीय हिमांशु कुमार की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना दीपनगर थाना क्षेत्र के पासवान टोला की है, जिसने पूरे गांव को सन्न कर दिया।
खाना खा रही थी लड़की, घर के पास खड़ा था लड़का—दोनों को मारी गई गोली
घटना की भयावहता तब और बढ़ गई जब परिजनों ने बताया कि अन्नू कुमारी अपने घर के पास खाना खा रही थी, तभी हमलावरों ने उस पर गोली चला दी। वहीं, हिमांशु भी अपने घर के पास खड़ा था, जिसे भी सिर में गोली मारी गई। दोनों को आनन-फानन में मॉडल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बच्चों के विवाद से शुरू हुआ झगड़ा, हिंसा में बदल गई दुश्मनी
परिजनों का कहना है कि गांव में अखंड कीर्तन चल रहा था, जहां बच्चों के बीच मामूली विवाद हुआ। इसके बाद विरोधी टोले के लोग हथियार लेकर पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि हमलावरों ने पहले से योजना बना रखी थी। दोनों बच्चों को सिर में गोली मारने से यह साफ है कि हत्या सुनियोजित थी।
परिजनों का हंगामा, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद परिजन अस्पताल में भड़क उठे। उन्होंने समुचित इलाज न मिलने और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। शवों को बिना पोस्टमार्टम के ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने बीच में रोका। इसके बाद परिजन शवों को लेकर सुभाष पार्क के पास पहुंचे और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
सात आरोपी हिरासत में, गांव में पुलिस कैंप तैनात
नालंदा सदर डीएसपी नूरुल हक ने बताया कि इस दोहरे हत्याकांड में अब तक सात संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें नौलेश और आदेश के नाम सामने आए हैं। पुलिस गांव में कैंप कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। थानाध्यक्ष जितेंद्र राम के अनुसार, हत्या का कारण और साजिश की परतें जांच के बाद सामने आएंगी।
मासूमों की मौत या किसी पुरानी रंजिश का बदला?
डुमरावां गांव की यह घटना सिर्फ दो मासूमों की हत्या नहीं, बल्कि ग्रामीण व्यवस्था और कानून-व्यवस्था की लाचारी की भी कहानी है। क्या यह महज बच्चों की लड़ाई थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश? पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार है, लेकिन गांव में मातम और डर का माहौल अब भी कायम है।