Gopal Khemka Murder Case: बिहार की राजधानी पटना में हुए चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड ने अब एक नया, चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, जिस शूटर ने खेमका को गोली मारी, वही बाद में उनकी शव यात्रा में फूलमाला लेकर शामिल हुआ। इस खुलासे ने पूरे मामले को एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र की ओर मोड़ दिया है।

चाय की दुकान पर बनी हत्या की योजना 

पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या से ठीक पहले तीन अपराधी पटना के दलदली रोड इलाके में मिले थे। वहां एक चाय की दुकान पर बैठकर उन्होंने खेमका की हत्या की पूरी योजना तैयार की। मुख्य शूटर को टारगेट सौंपा गया, जबकि एक अन्य अपराधी को लाइनर की भूमिका दी गई, जो पास के बांकीपुर क्लब में निगरानी करता रहा।  जैसे ही खेमका घर पहुंचे, घात लगाए शूटर ने उन्हें गोली मार दी और मौके से फरार हो गया। 

 

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शव यात्रा में पहुंचा हत्यारा, ताकि शक न हो 

हत्या के कुछ घंटे बाद ही वही शूटर फूलमाला लेकर खेमका की अंतिम यात्रा में शामिल हो गया। उसने मातम का दिखावा किया और भीड़ में शामिल होकर पुलिस की नजर से बचने की कोशिश की।  हालांकि, क्राइम ब्रांच और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की नजरें उस पर पहले से थीं। अंतिम संस्कार के दौरान उसकी गतिविधियों पर शक हुआ और जब पहचान पक्की हुई, तो पुलिस ने उसे मौके से ही हिरासत में ले लिया।

पेशेवर अपराधी निकला शूटर, पहले से था फरार 

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किया गया शूटर पटना सिटी का रहने वाला है और इससे पहले भी एक हत्या मामले में फरार घोषित था। उस पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि खेमका की हत्या कोई आवेश में उठाया कदम नहीं, बल्कि पैसे और साजिश के तहत अंजाम दी गई थी।

पुलिस जांच में जुटी, मास्टरमाइंड की तलाश जारी 

फिलहाल पुलिस ने मुख्य शूटर को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। अब पुलिस यह पता लगाने में लगी है कि इस हत्या के पीछे मास्टरमाइंड कौन है? क्या यह कारोबारी रंजिश थी? या फिर कोई बड़ी संपत्ति या पारिवारिक विवाद? फॉरेंसिक टीम, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स के जरिए पुलिस इस जघन्य हत्याकांड की परतें उधेड़ने में जुटी है।