कुर्था विधानसभा चुनाव 2025: बिहार की इस सीट पर RJD और JD(U) के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। पिछड़े वर्ग और यादव वोटर इस बार निर्णायक भूमिका निभाएंगे। 2020 में बागी कुमार वर्मा ने JD(U) को हराकर अपनी पकड़ मजबूत की। 

Kurtha Assembly Election 2025 Update: बिहार के अरवल जिले की कुर्था विधानसभा सीट (Kurtha Assembly Seat 178) हमेशा से राजनीतिक दृष्टि से अहम रही है। यह सीट विशेष रूप से सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर केंद्रित रही है। पिछले तीन चुनावों (2010, 2015, 2020) में यहां बड़े बदलाव देखने को मिले, जिससे न सिर्फ स्थानीय राजनीति बल्कि राज्य की राजनीति में भी हलचल मची। कुर्था विधानसभा की राजनीतिक लड़ाई हमेशा RJD और JD(U) के बीच रही है। हाल ही के चुनाव में बागी कुमार वर्मा (Bagi Kumar Verma )(RJD) ने 2020 में जीत दर्ज कर अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत की।

पिछली जीत और हार: आंकड़ों में देखिए कहानी

2020 कुर्था चुनाव

  •  विजेता: बागी कुमार वर्मा (RJD) -54,227 वोट
  •  हारने वाले: सतीदेव सिंह (JD(U)) – 26,417 वोट
  •  वोट अंतर: 27,810

खास बात: 2020 के चुनाव ने कुर्था विधानसभा का राजनीतिक समीकरण बदल दिया। RJD ने अपनी पकड़ मजबूत की और बागी कुमार वर्मा ने JD(U) के सतीदेव सिंह को बड़े अंतर से हराया।

नोट: बागी कुमार वर्मा स्नातक किए हैं। उन पर दो आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनके पास करीब 8 करोड़ रूपए की चल-अचल संपत्ति है। करीब 60 लाख रुपए की देनदारी है।

2015 कुर्था चुनाव

  •  विजेता: सतीदेव सिंह (JD(U))-43,676 वोट
  •  हारने वाले: अशोक कुमार वर्मा (BLSP)- 29,557 वोट
  •  वोट अंतर: 14,119

2010 कुर्था चुनाव

  •  विजेता: सतीदेव सिंह (JD(U))-37,633 वोट
  •  हारने वाले: शिव बचन यादव (RJD) -28,140 वोट
  •  वोट अंतर: 9,493

कुर्था विधानसभा का जातीय समीकरण

  • 1. प्रमुख वोटर: पिछड़ा वर्ग, यादव, अन्य पिछड़े और मुस्लिम समुदाय
  • 2. पिछड़े वर्ग और यादव वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं
  • 3. सीट पर कुल मतदाता: लगभग 2–3 लाख (अनुमान)

खास बात: जातीय समीकरण ने पिछले चुनावों में नतीजे तय किए। पिछड़े वर्ग और यादव वोटर हर चुनाव में निर्णायक साबित हुए हैं।

2025 कुर्था चुनाव: पिछड़े और यादव वोटर इस बार किसे चुनेंगे?

कुर्था विधानसभा सीट (Kurtha Assembly Seat) अरवल जिले का राजनीतिक हॉटस्पॉट रही है। पिछले तीन चुनावों में जीत और हार का दौर यहां लगातार बदला। 2025 में RJD की पकड़, JD(U) की चुनौती और पिछड़े वर्ग के वोट निर्णायक भूमिका निभाएंगे। यहां आगामी चुनाव बेहद रोचक और कांटे की टक्कर वाला साबित होने वाला है।