कुम्हरार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी का कायस्थ वोटर दबदबा निर्णायक होगा। महागठबंधन सेंघमारी कर पाएगा या अरुण कुमार सिन्हा बनाए रखेंगे हैट्रिक? चुनाव के नतीजे सबको चौंकाने वाले हैं।
Kumhrar Assembly Election 2025: पटना जिले की कुम्हरार विधानसभा सीट (Kumhrar Assembly Seat 137) बिहार की राजनीति में खास महत्व रखती है। यह सीट शहरी क्षेत्र में आती है और यहाँ कायस्थ समाज का दबदबा है। पिछले तीन चुनावों में बीजेपी ने लगातार जीत दर्ज की है। वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा (BJP) हैं, जिन्होंने 2020 में आरजेडी के धर्मेंद्र कुमार को पराजित कर अपनी हैट्रिक पूरी की।
कुम्हरार सीट पर क्या है जातीय समीकरण?
कुम्हरार सीट पर कुल चार लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें से एक लाख से ज्यादा कायस्थ समाज के हैं। इसके अलावा भूमिहार और अतिपिछड़ा वोटर भी महत्वपूर्ण हैं। इस वजह से बीजेपी का यहां स्थायी दबदबा बना हुआ है।
पिछली जीत और हार: आंकड़ों की कहानी
2020 कुम्हरार चुनाव
- विजेता: अरुण कुमार सिन्हा (BJP) -81,400 वोट
- हारने वाले: धर्मेंद्र कुमार (RJD) -54,937 वोट
- जीत का अंतर: 26,463 वोट
नोट: अरुण कुमार सिन्हा ने पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की है। उन पर चार आपराधिक मामले चल रहे हैं। उनकी कुल संपत्ती करीब तीन करोड़ रुपए है, लेकिन उन पर किसी प्रकार की कोई देनदारी नहीं है।
2015 कुम्हरार चुनाव
- विजेता: अरुण कुमार सिन्हा (BJP) -87,792 वोट
- हारने वाले: अकील हैदर (INC)-50,517 वोट
- जीत का अंतर: 37,275 वोट
2010 कुम्हरार चुनाव
- विजेता: अरुण कुमार सिन्हा (BJP)-83,425 वोट
- हारने वाले: मोहम्मद कमाल परवेज (LJP)-15,617 वोट
- जीत का अंतर: 67,808 वोट
खास बात: तीनों चुनावों में बीजेपी ने अपने कोर वोटर कायस्थ समाज की वजह से लगातार जीत दर्ज की है।
कुम्हरार विधानसभा का जातीय समीकरण
- सबसे बड़ी संख्या: कायस्थ समाज (लगभग 1 लाख वोटर)
- अन्य प्रमुख वोटर: भूमिहार और अतिपिछड़ा
- कुल मतदाता: 4,00,000+
- शहरी क्षेत्र होने के कारण बीजेपी का स्थायी दबदबा
- जातीय समीकरण और शहर की राजनीति ने पिछले तीन चुनावों में नतीजे तय किए। कायस्थ वोटर हर चुनाव में निर्णायक साबित हुए हैं।
2025 कुम्हरार चुनाव: क्या बीजेपी की हैट्रिक बरकरार रहेगी?
कुम्हरार विधानसभा सीट (Kumhrar Assembly Seat) हमेशा बीजेपी का गढ़ रही है। पिछले तीन चुनावों में अरुण कुमार सिन्हा ने शानदार जीत दर्ज की। 2025 में भी इस सीट पर कांटे की टक्कर की उम्मीद है। जातीय समीकरण, शहर के वोट और उम्मीदवारों की रणनीति तय करेंगे कि विजेता कौन होगा।
