Khan Sir Latest Video on pakistan: पहलगाम हमले के बाद खान सर ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 24 करोड़ आतंकी रहते हैं और जब तक एक भी पाकिस्तानी ज़िंदा है, आतंकवाद खत्म नहीं होगा।

Khan Sir on Pakistan: पुलवामा और उरी के बाद अब पहलगाम हमले पर देशभर में आक्रोश है। इसी बीच एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। पटना के चर्चित शिक्षक खान सर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि भारत अपनी "गलतफहमी" से बाहर निकले – पाकिस्तान में एक भी अच्छा इंसान नहीं है।

"500-1000 आतंकवादी मारने से कुछ नहीं होगा"

खान सर ने वीडियो में कहा, “हम यह सोच रहे हैं कि 500 या 1000 आतंकवादी मार देंगे तो पाकिस्तान सुधर जाएगा, तो यह बहुत बड़ी गलतफहमी है। वहां 24 करोड़ आतंकवादी रहते हैं। जब तक एक भी पाकिस्तानी जिंदा है, आतंकवाद जिंदा रहेगा।” उनके इस बयान ने देश में बहस को नई हवा दे दी है, जहां एक वर्ग इसे राष्ट्रवाद की आवाज मान रहा है, वहीं कुछ लोग इसे अतिशयोक्ति करार दे रहे हैं।

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"अगर सरकार कार्रवाई करती तो पाकिस्तान के एयरपोर्ट नहीं बचते"

खान सर सरकार की प्रतिक्रिया से असंतुष्ट भी दिखे। उन्होंने कहा, “अगर भारत सरकार सख्त प्रतिक्रिया देती, तो पाकिस्तान का एक भी एयरपोर्ट सही सलामत नहीं रहता। हमें ऐसा करना चाहिए था जिससे वहां की जनता खुद सवाल करे कि गलती आखिर हुई कहां।”

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को सिर्फ सैन्य तरीके से नहीं, रणनीतिक रूप से तोड़ना होगा ताकि वह दोबारा भारत की ओर देखने की हिम्मत न करे।

"पाकिस्तान कुत्ते से भी बदतर है"

खान सर के पुराने वीडियो भी इस मौके पर फिर वायरल हो रहे हैं। एक पॉडकास्ट में उन्होंने पाकिस्तान के नक्शे की तुलना कुत्ते से करते हुए कहा था कि “कुत्ता फिर भी वफादार होता है, पाकिस्तान नहीं। ये तो वफादारी शब्द की भी बेइज्जती करता है।”

उनका यह बयान भी काफ़ी वायरल हुआ था, और कई लोगों ने इसपर तीखी प्रतिक्रियाएं दी थीं, लेकिन खान सर ने साफ किया कि यह तुलना भी कुत्ते का अपमान है, क्योंकि "कुत्ता वफादार होता है, पाकिस्तान नहीं।"

पाकिस्तान के शिक्षा विरोधी चेहरे को भी किया उजागर

खान सर ने पाकिस्तान में मलाला यूसुफजई पर हुए हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “एक लड़की सिर्फ इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि वो पढ़ना चाहती थी। यह देश कभी सुधर ही नहीं सकता।”

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