जमुई विधानसभा चुनाव 2025: क्या अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह दोबारा भाजपा को जीत दिलाएंगी या आरजेडी के विजय प्रकाश यादव वापसी करेंगे? यादव-मुस्लिम-राजपूत समीकरण और 19% SC वोट से कौन बदलेगा खेल? मुकाबला रहस्यमयी और कड़ा दिख रहा है।

Jamui Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में जमुई विधानसभा चुनाव 2025 (Jamui Assembly Election 2025) बेहद अहम माना जा रहा है। यहां पर हर बार जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और बड़े नेताओं का असर साफ दिखता है। 2020 में भाजपा उम्मीदवार श्रेयसी सिंह ने पहली बार चुनाव लड़ा और धमाकेदार जीत दर्ज की। उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव को 41,000 से ज्यादा वोटों से हराकर भाजपा को नई जमीन दी। अब 2025 में बड़ा सवाल है-क्या भाजपा इस जीत को दोहराएगी या आरजेडी वापसी कर पाएगी?

2010 का चुनाव परिणाम

2010 में जेडीयू उम्मीदवार अजय प्रताप ने आरजेडी प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव को हराकर जीत दर्ज की थी।

  •  अजय प्रताप (JDU) - 60,130 वोट
  •  विजय प्रकाश (RJD) – 35,663 वोट
  •  जीत का अंतर- लगभग 24,500 वोट

2015 का चुनाव परिणाम

2015 में समीकरण बदले और आरजेडी ने बाजी मारी।

  •  विजय प्रकाश (RJD)- 66,577 वोट
  •  अजय प्रताप (BJP) – 58,328 वोट
  •  जीत का अंतर- करीब 8,200 वोट

2020 का चुनाव परिणाम

2020 में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ। पहली बार श्रेयसी सिंह (BJP) मैदान में उतरीं और भारी बहुमत से जीत हासिल की।

  •  श्रेयसी सिंह (BJP) - 79,603 वोट
  •  विजय प्रकाश (RJD)- 38,554 वोट
  •  जीत का अंतर – 41,000 से अधिक वोट

खास बात: इसके अलावा JAPL के मोहम्मद शमसाद आलम को 17,800 वोट और निर्दलीय सुजाता सिंह को 17,502 वोट मिले।

नोट: बीजेपी नेता श्रेयसी सिंह अंतरराष्ट्रीय शूटर हैं और उनकी शैक्षिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन पर कोई क्रिमिनल केस नहीं है। उनकी कुल संपत्ति 4.39 करोड़ रुपए हैं, कोई देनदारी भी नहीं है।

जमुई विधानसभा का समीकरण

  •  इस सीट पर करीब 2.91 लाख मतदाता हैं।
  •  यादव, मुस्लिम और राजपूत वोट निर्णायक माने जाते हैं।
  •  अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 19% है।

खास बात: जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे यहां चुनावी नतीजों में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं।

2025 में मुकाबला किस ओर?

  • 1. भाजपा: श्रेयसी सिंह के करिश्मे और केंद्र सरकार की योजनाओं पर भरोसा कर रही है।
  • 2. आरजेडी : विजय प्रकाश यादव को दोबारा मैदान में उतारकर जातीय संतुलन और खोए वोट बैंक की वापसी की कोशिश करेगी।
  • 3. स्थानीय मुद्दे: सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी इस बार निर्णायक साबित हो सकते हैं।

खास बात: विश्लेषकों का मानना है कि जमुई विधानसभा चुनाव 2025 एक बार फिर बेहद रोचक और टक्कर वाला होगा।