चनपटिया विधानसभा चुनाव 2025: इस सीट पर 25 साल से BJP का दबदबा है। 2015 में जीत सिर्फ 464 वोटों से मिली थी, जबकि 2020 में कांग्रेस को हराकर छठी बार कमल खिला। अब सवाल है-2025 में क्या बीजेपी का किला टूटेगा या फिर जीत का सिलसिला जारी रहेगा?

Chanpatia Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में चनपटिया विधानसभा सीट (Chanpatia Assembly Seat) पर सबकी नजरें टिकी हैं। यह सीट पश्चिमी चंपारण जिले (West Champaran) की अहम सीटों में से एक है, जहां पिछले 25 सालों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दबदबा कायम है। कांग्रेस, जेडीयू और लेफ्ट जैसी पार्टियां यहां बीजेपी के सामने टिक नहीं पाईं। लेकिन सवाल यह है कि क्या 2025 में भी बीजेपी का यह किला सुरक्षित रहेगा या विपक्ष कोई बड़ा उलटफेर करेगा?

2020: बीजेपी ने कांग्रेस को हराया

2020 विधानसभा चुनाव (Chanpatia Election 2020) में बीजेपी उम्मीदवार उमाकांत सिंह ने कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 13,469 वोटों के अंतर से हराया।

  •  उमाकांत सिंह (BJP): 83,828 वोट
  •  अभिषेक रंजन (INC): 70,359 वोट
  •  मनीष कश्यप (IND): 9,239 वोट
  • खास बात: यहां बीजेपी की लगातार छठी जीत दर्ज हुई।

नोट: चनपटिया विधानसभा सीट से 2020 में विधायक बने उमाकांत सिंह 10वीं पास हैं। उन पर कोई आपराधिक केस नहीं है। उनकी कुल चल अचल संपत्ति 15.41 करोड़ रुपए की है। उनके ऊपर 9 करोड़ रुपए की लायबिलीटी भी है।

2015: कांटे की टक्कर, सिर्फ 464 वोटों से जीत

2015 में चनपटिया सीट पर बेहद रोमांचक मुकाबला हुआ।

  • प्रकाश राय (BJP): 61,304 वोट
  •  एन.एन. सैनी (JDU): 60,840 वोट
  • खास बात: महज 464 वोटों के अंतर से बीजेपी ने जीत दर्ज की। यह नतीजा साबित करता है कि यहां जनता का मूड कभी भी बदल सकता है।

2010: बीजेपी की बड़ी जीत

2010 में चंद्र मोहन राय (BJP) ने बीएसपी (BSP) के एजाज हुसैन को हराया।

  •  चंद्र मोहन राय (BJP): 44,835 वोट
  •  एजाज हुसैन (BSP): 21,423 वोट
  • खास बात: जीत का अंतर 23,000 वोटों से ज्यादा रहा। यह चुनाव बीजेपी की मजबूत पकड़ का सबूत था।

चनपटिया सीट का राजनीतिक इतिहास

  • 1957 में पहली बार कांग्रेस की केतकी देवी ने यह सीट जीती।
  •  1962 और 1967 में कांग्रेस के प्रमोद मिश्रा लगातार दो बार विजयी रहे।
  •  1980, 1985 और 1995 में CPI ने कब्जा जमाया।
  •  2000 से अब तक BJP लगातार 6 चुनाव जीत चुकी है।

जातीय समीकरण का असर

इस सीट पर ब्राह्मण और यादव वोटरों का दबदबा है। मुस्लिम वोटरों की संख्या भी अच्छी-खासी है, जबकि भूमिहार और कोइरी वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि हर बार यहां मुकाबला दिलचस्प होता है।

क्यों खास है चनपटिया विधानसभा चुनाव 2025?

बीजेपी पिछले 25 साल से यहां अजेय रही है, लेकिन 2015 जैसे नतीजे दिखाते हैं कि मतदाता कभी भी पासा पलट सकते हैं। इस बार स्थानीय मुद्दे, उम्मीदवार की छवि और जातीय समीकरण सब मिलकर नतीजों को रोमांचक बना सकते हैं।