बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अमित शाह की अध्यक्षता में बीजेपी की बैठक हुई। स्क्रीनिंग रिपोर्ट के आधार पर 20 कमजोर सीटों पर उम्मीदवार बदलने की सिफारिश है। शाह ने जीत को प्राथमिकता बताते हुए कड़े फैसले लेने के संकेत दिए हैं।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी रणनीति को लेकर पूरी ताक़त झोंक दी है। शुक्रवार देर शाम पटना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई बीजेपी की अहम बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
स्क्रीनिंग रिपोर्ट बनी केंद्र
इस बैठक का मुख्य एजेंडा सीटों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट रहा। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों का प्रदर्शन कमजोर पाया है, उन पर बदलाव की सिफारिश की है। रिपोर्ट में लगभग 20 सीटों पर मौजूदा प्रत्याशियों को बदलने की बात कही गई है। माना जा रहा है कि इनमें कुछ सीटिंग विधायकों की टिकट कट सकती है। यह बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें “जीत ही प्राथमिकता” है।
सीट बंटवारे पर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। उन्होंने साफ किया कि सीटों और प्रत्याशियों का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। जायसवाल ने कहा, “हमारी बैठक का मकसद चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूत करना है। टिकट वितरण पर अंतिम मुहर दिल्ली से ही लगेगी।”
अमित शाह का मैसेज: जीत ही लक्ष्य
अमित शाह ने बैठक में नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि यह चुनाव बेहद अहम है और किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। शाह ने कहा कि पार्टी को हर सीट पर जीत सुनिश्चित करनी है और इसके लिए कठिन फैसले लेने से भी पीछे नहीं हटना होगा। शाह ने संगठन को बूथ स्तर तक सक्रिय करने और हर वर्ग, विशेषकर महिलाओं और युवाओं तक पहुंच बनाने पर जोर दिया।
टिकट कटने से बगावत का खतरा
बीजेपी की इस रणनीति से यह भी साफ हो गया है कि कई मौजूदा विधायकों की टिकट कट सकती है। ऐसे में पार्टी के भीतर असंतोष और बगावत की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि, शाह ने नेताओं को चेतावनी दी है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ऊपर उठकर संगठन और जीत को प्राथमिकता देनी होगी।
एनडीए के भीतर तालमेल की चुनौती
बैठक में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि जदयू और लोजपा के साथ तालमेल बनाने की रणनीति पर मंथन हुआ। हालांकि अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। अमित शाह ने साफ कर दिया कि सहयोगियों से बातचीत के बाद सीट शेयरिंग जल्द तय कर ली जाएगी।
बेतिया बैठक में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र
पटना की बैठक से पहले अमित शाह ने बेतिया में चंपारण और सारण क्षेत्र के लगभग 350 नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को “जीत का मंत्र” दिया। शाह ने कहा कि चुनावी जीत का असली आधार बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती और जनता से सीधा जुड़ाव है।
चुनावी समीकरण और शाह की भूमिका
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिहार चुनाव में अमित शाह की सीधी मौजूदगी बीजेपी की गंभीरता को दिखाती है। यह भी साफ है कि पार्टी टिकट बंटवारे में इस बार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायकों की छुट्टी तय मानी जा रही है और नए चेहरों को मौका देकर चुनावी जोश बढ़ाने की तैयारी है।