Bihar Election: बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर पप्पू यादव ने चुनाव आयोग को 'आरएसएस का दफ्तर' बताते हुए बंद करने की मांग की। साथ ही, केजरीवाल के इंडिया गठबंधन छोड़ने पर भी तंज कसा।

Bihar Voter List Review: मतदाता सूची संशोधन को लेकर बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव ने भारतीय चुनाव आयोग की इस मुहिम पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की भी आलोचना की, जिन्होंने इंडी गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। पूर्णिया के सांसद ने कहा, 'चुनाव आयोग आरएसएस का दफ्तर है, इसे बंद किया जाना चाहिए। संवैधानिक जिम्मेदारी के लिए जो खतरा बन जाए, उसके लिए जनता तैयार है। आज हम फैसला करेंगे। इस बारे में कांग्रेस प्रभारी से भी चर्चा हुई है।'

‘क्या चुनाव आयोग अलादीन का चिराग है’ 

उन्होंने कहा, 'क्या चुनाव आयोग अलादीन का चिराग है? आर-पार की लड़ाई होगी। बिहार और बिहारियों की अस्मिता के लिए अगर हमें अपनी जान भी देनी पड़े तो हम देंगे।' अरविंद केजरीवाल के बिहार चुनाव अकेले लड़ने को लेकर उन्होंने कहा, 'यह अच्छी बात है। चुनाव लड़ना हर किसी का अधिकार है। उन्हें बिहार आकर चुनाव लड़ना चाहिए।' केजरीवाल को लेकर पप्पू यादव ने कहा, ‘रस्सी जल गई पर मरोड़ नहीं गई।’

'बिहारियों से वोट का अधिकार छीनने की साजिश'

बिहार में बस कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार में विपक्षी दलों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे 'लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास' बताया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग को सिर्फ 25 दिनों में बिहार की पूरी वोटर लिस्ट रद्द कर 1987 से पहले के दस्तावेजी सबूतों के साथ नई वोटर लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। चुनावी हार की घबराहट में ये लोग अब बिहार और बिहारियों से वोट का अधिकार छीनने की साजिश कर रहे हैं।'

वहीं, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया कि 2003 से अब तक बिहार में चार-पांच चुनाव हुए हैं, क्या वे सभी गलत, अधूरे या अविश्वसनीय थे?