Bihar Chunav 2025: बिहार में 'हेलीकॉप्टर बाबा' प्रदीप निषाद ने नई पार्टी 'विकास वंचित इंसान पार्टी' (VVIP) बनाई है। इससे मुकेश सहनी की VIP को चुनौती मिल सकती है और निषाद वोट बैंक में बंटवारा हो सकता है।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले निषाद समाज की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। 'हेलीकॉप्टर बाबा' के नाम से मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप निषाद ने 'विकास वंचित इंसान पार्टी' (VVIP) के गठन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। पार्टी के ऐलान के साथ ही निषाद समाज को नया राजनीतिक विकल्प मिल गया है। अब तक इस वर्ग का नेतृत्व विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी के हाथ में था, लेकिन विकासशील वंचित इंसान पार्टी (VVIP) की एंट्री ने राजनीतिक समीकरणों में हलचल मचा दी है। अब निषाद समाज के लोग सीधे प्रदीप निषाद से जुड़ रहे हैं।
'हेलीकॉप्टर बाबा' से जुड़ रहे लोग
राजनीतिक जानकारों की मानें तो निषाद समाज के लोग 'हेलीकॉप्टर बाबा' प्रदीप से इसलिए भी जुड़ रहे हैं, क्योंकि मुकेश सहनी पर दल बदलने का दाग है। अब भी महागठबंधन में होने के बावजूद वे एनडीए में जाने के संकेत दे रहे हैं। मुकेश सहनी आज तक जनता के वोट से नेता नहीं बने हैं, वे सिर्फ अपनी कुर्सी के लिए दबाव की राजनीति करते रहे हैं।
वीवीआईपी: सत्ता नहीं, समाज के लिए संघर्ष
मीडिया से खास बातचीत में प्रदीप निषाद ने साफ शब्दों में कहा कि वीवीआईपी सत्ता की राजनीति के लिए नहीं, बल्कि समाज के सबसे वंचित तबके की आवाज बनने आए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी शोषित, दलित, महादलित, अति पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस करेगी।
वीवीआईपी नेतृत्व में युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता देगी और सभी धर्मों और जातियों को समान प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। कुछ लोग समुदाय के नाम पर सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं। विकास वंचित इंसान पार्टी हर उस व्यक्ति की आवाज उठाने जा रही है, जिनसे वोट तो लिए गए लेकिन विकास से वंचित रखा गया।
सहनी की रणनीति पर सवाल
- बीते सालों में मुकेश सहनी का राजनीतिक ग्राफ उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
- 2020 में वे राजद गठबंधन से चुनाव लड़े और मंत्री बने।
- बाद में भाजपा से नजदीकी, फिर टकराव और अंत में दूरी ने उनकी स्थिति कमजोर कर दी।
- कई मौकों पर उनके पाला बदलने से उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे।
- राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सहनी ने अपनी राजनीति में सत्ता को प्राथमिकता दी, जबकि जमीनी मुद्दे और समुदाय की आवाज पीछे छूट गए।
कैसे मजबूत होगी वीवीआईपी की राजनीतिक जमीन?
- प्रदीप निषाद की वीवीआईपी पार्टी बिहार से शुरुआत कर राष्ट्रीय विस्तार की योजना पर काम कर रही है।
- पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य है।
- पार्टी की राजनीति सच्चाई, ईमानदारी और सामाजिक समरसता के मूल्यों पर आधारित होगी।
- प्रदीप निषाद कहते हैं कि आने वाले समय में पार्टी लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलन, जनसंवाद और जमीनी संघर्ष को तेज करेगी।
निषाद वोट बैंक में बंटवारा तय?
बिहार में निषाद समुदाय की आबादी 8-10% मानी जाती है। अब जबकि इस वर्ग की राजनीति में वीआईपी और वीवीआईपी दोनों सक्रिय हैं, तो वोट बैंक के बंटवारे की संभावना प्रबल है। जानकारों का कहना है कि अगर प्रदीप निषाद अपनी पार्टी के लिए जनाधार बनाने में सफल होते हैं, तो इससे न सिर्फ मुकेश सहनी का प्रभाव कमजोर होगा, बल्कि राजद, जदयू और भाजपा के जातीय समीकरणों को भी चुनौती मिलेगी।
निषाद समुदाय के नेतृत्व को लेकर बिहार की राजनीति में नई जंग शुरू हो गई है। 'हेलीकॉप्टर बाबा' के नाम से मशहूर प्रदीप निषाद की वीवीआईपी पार्टी अगर अपने उद्देश्यों और वादों को जमीनी हकीकत में बदलने में सफल होती है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। यह स्थिति मुकेश सहनी के लिए सीधी राजनीतिक चुनौती है, तो बिहार के लिए नया राजनीतिक अध्याय।