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बिना ज्योतिर्लिंग के भी कम नहीं Bihar! ये हैं वो 5 मंदिर जहां रोज होते हैं चमत्कार
Sawan 2025: बिहार में ज्योतिर्लिंग भले ही न हो, लेकिन कई चमत्कारी मंदिर हैं जहां लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विष्णुपद मंदिर, जानकी मंदिर, महाबोधि मंदिर, मंगला गौरी और महावीर मंदिर जैसे पवित्र स्थलों के बारे में जानें।
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बिहार में एक भी ज्योतिर्लिंग मंदिर नहीं है, लेकिन बिहार के कई ऐसे मंदिर हैं जहां आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इन मंदिरों की मान्यता ऐसी है की दूर दराज से लोग यहां दर्शन करते हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों मांगी गई हर मनोकामना पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं बिहार के 5 प्राचीन और चमत्कारी मंदिरों के बारे में…
विष्णुपद मंदिर: विष्णुपद मंदिर बिहार के गया ज़िले में फल्गु नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर अपनी भव्यता और वैभव के लिए प्रसिद्ध है। विष्णुपद मंदिर ठोस चट्टानों से बना है और यहाँ विष्णुजी का 40 सेंटीमीटर लंबा पदचिह्न भी है, जिसमें शंखम, चक्रम और गधम सहित 9 चिह्न बने हैं। इस मंदिर में साल भर भीड़ रहती है। लेकिन ख़ास तौर पर श्राद्धपक्ष के दौरान यहाँ काफ़ी भीड़ देखी जाती है।
जानकी मंदिर: जानकी मंदिर बिहार के सीतामढ़ी शहर से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सीतामढ़ी को माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ जानकी कुंड नामक एक सरोवर भी है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है।
महाबोधि मंदिर: बिहार के गया में महाबोधि मंदिर है। यह मंदिर निरंजना नदी के तट पर स्थित है, जिसे बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। यहाँ मुख्य मंदिर के साथ एक बोधि वृक्ष भी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
मंगला गौरी मंदिर: बिहार के पवित्र शहर गया में भी मंगला गौरी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। भक्त यहां मां मंगला गौरी के दर्शन के लिए आते हैं। इसे भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सती के शरीर का एक हिस्सा यहां गिरा था।
महावीर मंदिर: बिहार की राजधानी पटना में एक प्राचीन महावीर मंदिर है। इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था और भक्ति है और लोग दूर-दूर से यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में बजरंग बली की मूर्तियाँ एक साथ विराजमान हैं।