Bihar News: सावन में बिहार के प्रमुख कांवड़ मार्गों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सुल्तानगंज से देवघर तक, प्रशासन ने सुरक्षा, पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं का पुख्ता इंतजाम किया है। आइए जानें इन पवित्र मार्गों के बारे में।

Sawan 2025: 11 जुलाई से सावन शुरू हो गया है और इसी के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में भगवान शिव के भक्तों का उत्साह चरम पर है। बिहार में लाखों कांवड़िये विभिन्न मार्गों से गंगाजल लेकर बाबा वैद्यनाथ धाम और अन्य शिव मंदिरों तक पहुंचते हैं। इस दौरान बिहार के 5 प्रमुख कांवड़ यात्रा मार्गों, खासकर सुल्तानगंज से देवघर मार्ग पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। इन मार्गों पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा, पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। आइए आज इन 5 प्रमुख मार्गों के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।

1. सुल्तानगंज से देवघर

यह बिहार का सबसे लोकप्रिय और भीड़भाड़ वाला कांवड़ यात्रा मार्ग है, जहां लाखों श्रद्धालु भागलपुर के सुल्तानगंज स्थित अजय विनाथ धाम घाट से गंगाजल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम तक पैदल यात्रा करते हैं। यह मार्ग लगभग 105 किलोमीटर लंबा है। इसके मुख्य मार्ग इस प्रकार हैं:

  • सुल्तानगंज-असरगंज-तारापुर-कटोरिया-देवघर: यह मुख्य मार्ग है, जहां कांवड़िये गंगाजल लेकर चलते हैं।
  • वैकल्पिक मार्ग: सुल्तानगंज-अकबरनगर-अमरपुर-बांका-कटोरिया-देवघर या बांका-ढाकामोड़-हसडीहा-देवघर।
  • भीड़ और सुविधाएं: यह मार्ग विशेष रूप से सावन के सोमवार (14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त 2025) को सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला होता है। प्रशासन ने पेयजल, शौचालय, चिकित्सा शिविर और ड्रोन-सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की है। भारतीय रेलवे ने सुल्तानगंज-देवघर के लिए 17 जोड़ी विशेष ट्रेनों की भी घोषणा की है।

2. डुमरिया घाट, डोरीगंज से बाबा धेनेश्वरनाथ कांवर यात्रा मार्ग

इस मार्ग पर श्रद्धालु गोपालगंज के डुमरिया घाट और सारण के डोरीगंज से जल लेकर सिंहासिनी स्थित बाबा धेनेश्वरनाथ मंदिर पहुंचते हैं। मार्ग विवरण:

  • मुख्य मार्ग: डुमरिया घाट से मोहम्मदपुर होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 27 तक, फिर पकरी मोड़ होते हुए राज्य राजमार्ग 90 पर जाएं और मंदिर तक 2 किमी पैदल चलें।
  • वैकल्पिक मार्ग: गरौली चंवर, मठिया बाजार और उसरी-दिघवा दुबौली।
  • भीड़ और सुविधाएँ: यह मार्ग गोपालगंज और सारण के स्थानीय कांवड़ियों के बीच लोकप्रिय है। प्रशासन ने सड़कों पर बालू बिछाने और शिविर लगाने की व्यवस्था की है।

3. पहेलिया से बाबा गरीबनाथ कांवड़ यात्रा मार्ग

  • यह मार्ग सारण जिले में सोनपुर के निकट पहेलिया घाट से शुरू होकर 65 किमी लंबा है, जो मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर तक जाता है। मार्ग विवरण:
  • मुख्य मार्ग: पहेलिया घाट से राष्ट्रीय राजमार्ग 22 होते हुए हाजीपुर और फिर मुजफ्फरपुर।
  • वैकल्पिक मार्ग: हाजीपुर-लालगंज या महुआ होते हुए या सोनपुर-सोनहो।
  • भीड़ और सुविधाएँ: राष्ट्रीय राजमार्ग 22 का पश्चिमी लेन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहता है। इस मार्ग पर चिकित्सा शिविर और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है।

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4. बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ कांवड़ यात्रा मार्ग

बक्सर जिले में यह मार्ग रामरेखा घाट से शुरू होकर ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर तक 33 किलोमीटर की दूरी तय करता है। मार्ग की जानकारी:

  • मुख्य मार्ग: रामरेखा घाट से ब्रह्मपुर होते हुए राजमार्ग 922 तक।
  • भीड़ और सुविधाएं: प्रत्येक सावन सोमवार को राजमार्ग 922 का एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहता है। इस मार्ग पर भीड़ सामान्य रहती है और स्थानीय संगठनों द्वारा भोजन-पानी के स्टॉल लगाए जाते हैं।

5. फतुहा से सिद्धेश्वर नाथ कांवड़ यात्रा मार्ग

यह मार्ग फतुहा (पटना) से शुरू होकर जहानाबाद के बराबर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर तक जाता है। मार्ग विवरण:

  • मुख्य मार्ग: फतुहा से पटना-नालंदा होते हुए हुलासगंज, फल्गु नदी पार करके बराबर।
  • वैकल्पिक मार्ग: पटना-मखदुमपुर-बराबर होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 22।
  • भीड़ और सुविधाएं: जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िये इसी मार्ग पर पहुँचते हैं। प्रशासन ने सड़क सुरक्षा और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की है।

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अतिरिक्त जानकारी

  • सावन 2025 की तिथियाँ: सावन 11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा, जिसमें चार सावन सोमवार (14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त) और सावन शिवरात्रि (23 जुलाई) शामिल हैं।
  • सुरक्षा और व्यवस्थाएँ: बिहार सरकार ने कांवड़ मार्गों पर सीसीटीवी, ड्रोन निगरानी और चिकित्सा शिविर लगाए हैं। सुल्तानगंज-देवघर मार्ग पर 80 किलोमीटर का कच्चा कांवड़ मार्ग विशेष रूप से तैयार किया गया है।
  • रेलवे सुविधा: भारतीय रेलवे ने सुल्तानगंज-देवघर के लिए 17 जोड़ी विशेष ट्रेनें और कटिहार-देवघर, डिब्रूगढ़-देवघर के लिए दो जोड़ी ट्रेनें शुरू की हैं जो 10 जुलाई से 7 अगस्त तक चलेंगी।
  • भीड़ का अनुमान: सुल्तानगंज-देवघर मार्ग पर प्रतिदिन लाखों कांवड़िये यात्रा करते हैं, खासकर सावन सोमवार और शिवरात्रि पर।
  • इन मार्गों पर कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यातायात परिवर्तन, स्वच्छ शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की है। कांवड़ियों से शांतिपूर्वक यात्रा करने और पर्यावरण की स्वच्छता बनाए रखने की अपील की गई है।