Bihar Elections: भोजपुरी स्टार पवन सिंह के प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जॉइन करने की खबरों से बिहार की राजनीति गरमा गई है। मनीष कश्यप के बाद पवन सिंह का ये कदम 2025 के चुनाव में बड़ा उलटफेर ला सकता है।
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच, भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल होने की खबर से सियसत फिर तेज हो गई है। हाल ही में लखनऊ में पवन सिंह और जन सुराज नेता आनंद मिश्रा की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मनीष कश्यप के जन सुराज में शामिल होने के बाद, पवन सिंह का यह संभावित कदम बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है। खासकर भोजपुरी बेल्ट में, जहां उनकी जबरदस्त लोकप्रियता है। हालांकि, पवन सिंह ने अभी तक जन सुराज में शामिल होने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
भोजपुरी सिनेमा के 'पावर स्टार' कहे जाने वाले पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा के टिकट पर अपना नामांकन दाखिल किया था। हालांकि, पार्टी के फ़ैसले के बाद, उन्होंने बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। भाजपा से टिकट न मिलने और उपेक्षा से नाराज पवन सिंह अब बिहार में बदलाव की बात कर रहे हैं, जिसे जन सुराज की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। पीले गमछे वाली उनकी तस्वीर ने भी अटकलों को हवा दी है क्योंकि यह रंग जन सुराज से जुड़ा है।
7 जुलाई को मनीष कश्यप जन सुराज पार्टी में हुए शामिल
7 जुलाई को, यूट्यूबर मनीष कश्यप पटना में प्रशांत किशोर की मौजूदगी में जन सुराज पार्टी में शामिल हुए। लाखों यूट्यूब सब्सक्राइबर्स वाले मनीष ने भाजपा छोड़ने के बाद जन सुराज को बिहार के लिए एक नया विकल्प बताया है। प्रशांत किशोर ने मनीष को "बिहार का बेटा" बताया और कहा कि वह युवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए पार्टी को मज़बूत करेंगे। मनीष का 'स्कूल बैग' चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान भी जन सुराज की युवा-केंद्रित रणनीति को दर्शाता है।
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प्रशांत किशोर ने कैसे हासिल की लोकप्रियता
प्रशांत किशोर ने अक्टूबर 2024 में औपचारिक रूप से जन सुराज पार्टी की शुरुआत की, जिसके बाद उनकी 3000 किलोमीटर की पदयात्रा और 'बात बिहार की' अभियान ने ग्रामीण बिहार में अपार लोकप्रियता हासिल की है। किशोर ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है और पार्टी का ध्यान अति पिछड़ा, दलित और मुस्लिम मतदाताओं पर है। पवन सिंह और मनीष कश्यप जैसे लोकप्रिय चेहरों को जोड़कर किशोर भोजपुरी बेल्ट और युवा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि वह इसमें कितने कामयाब होते हैं।
भाजपा और राजद दोनों के लिए खतरा बन सकते हैं पवन सिंह
भोजपुरी क्षेत्र में पवन सिंह की लोकप्रियता भाजपा और राजद दोनों के लिए खतरा बन सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भोजपुरी क्षेत्र की 73 सीटों में से 45 महागठबंधन ने जीती थीं, जबकि एनडीए को सिर्फ़ 27 सीटें मिलीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को बक्सर, आरा, काराकाट और औरंगाबाद जैसी सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था। पवन सिंह के जन सुराज में शामिल होने से इस क्षेत्र में भाजपा के लिए चुनौती बढ़ सकती है, क्योंकि उनकी स्टार पावर वोटों का बंटवारा कर सकती है।
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