सार

Vaishakh Amavasya 2025: धर्म ग्रंथों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए हर अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपाय किए जाते हैं। इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष से राहत मिलती है।

 

Vaishakh Amavasya 2025: धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर महीने में एक बार अमावस्या तिथि का संयोग बनता है। इस तरह साल में कुल 12 अमावस्या आती है। अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष हो, उन्हें इस दिन विशेष उपाय करने चाहिए, जिससे कि उन्हें इस दोष से राहत मिल सके। अप्रैल 2025 में वैशाख मास की अमावस्या का संयोग बन रहा है। आगे जानिए कब है वैशाख मास की अमावस्या और इस दिन कौन-से उपाय करें…

कब है वैशाख मास की अमावस्या?

पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल, रविवार की सुबह 04 बजकर 50 मिनिट से शुरू होगी, जो रात 01 बजकर 01 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अमावस्या तिथि का सूर्योदय 27 अप्रैल को होगा, इसलिए इसी दिन ये तिथि मानी गई है। अमावस्या से जुड़े सभी पूजा-पाठ, उपाय आदि इसी दिन किए जाएंगे। 27 अप्रैल को प्रीति और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाएगा।

वैशाख अमावस्या पर कौन-से उपाय करें?

1. वैशाख अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान आदि कर सकते हैं। इसके लिए किसी योग्य ब्राह्मण से सलाह लें और तीर्थ स्थान या अपने ही घर पर ये कार्य करें। तभी इसका फल आपको मिलेगा।
2. अमावस्या तिथि पर पितरों की शांति के लिए जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन, अनाज आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
3. वैशाख अमावस्या पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और पितरों की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
4. अमावस्या तिथि पर किसी ब्राह्मण को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। भोजन के बाद उसे दक्षिणा के रूप में कपड़े और पैसे आदि भी दें।
5. अमावस्या तिथि पर गाय को रोटी खिलाएं, मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें और चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटा डालें।


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