सार

Chandra Grahan: चंद्र व सूर्य ग्रहण खगोलीय घटनाएं हैं, जो समय-समय पर होती रहती हैं। भारत में इन घटनाओं को धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है। जानें साल 2025 में कब होगा वो चंद्रग्रहण जो भारत में भी दिखाई देगा।

 

Chandra Grahan: हर साल 2-3 बार चंद्रग्रहण का संयोग बनता है। वैसे तो ये खगोलीय घटनाएं हैं लेकिन भारत में इन घटनाओं को धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इनका यहां खास महत्व भी है। साल में जितने भी सूर्य व चंद्र ग्रहण होते हैं इनमें से कुछ ही भारत में दिखाई देते हैं। साल 2025 में अब तक एक सूर्य ‌व एक चंद्र ग्रहण मार्च में हो चुके हैं, जो भारत में दिखाई नहीं दिए। साल 2025 में एकमात्र चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जानें कब होगा वो चंद्र ग्रहण…

सितंबर 2025 में होगा दूसरा चंद्रग्रहण

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार को होगा। इस दिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा रहेगी। साल 2025 का एकमात्र यही चंद्र ग्रहण है, जो भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक भी माना जाएगा। भारत के अलावा ये चंद्र ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, यूरोप आदि स्थानों पर भी दिखाई दिखाई देगा।

क्यों होता है चंद्रग्रहण?

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ये पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के एक विशेष स्थिति में आने पर होता है। खगोलविदों के अनुसार, जब पृथ्वी, चंद्रमा, और सूर्य के बीच आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा का थोड़ा हिस्सा या पूरा भाग कुछ देर के लिए दिखाई नहीं देता। इसे ही चंद्रग्रहण कहा जाता है।

भारत में ग्रहण को लेकर मान्यताएं

1. हमारे देश में ग्रहण को लेकर कई मान्यताएं है। उसके अनुसार, जब भी कोई ग्रहण होता है तो उस दौरन हानिकारक किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिसका असर जन मानस पर भी पड़ता है। इसलिए इस दौरान खाने-पीने की चीजों को ढंककर रखा जाता है या ग्रहण के दौरान खानी-पीने की मनाही होती है।
2. ऐसी भी मान्यता है कि कभी भी ग्रहण के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए क्योंकि इस दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणें हमारे मनो-मस्तिष्क पर भी बुरा असर डालती है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर निकलने की मनाही होती है।
3. ग्रहण शुरू होने से कुछ समय पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के साथ ही ये समाप्त भी हो जाता है। सूतक काल के दौरान अनेक सावधानियां रखने की सलाह ही जाती है। मंदिरों की कपाट भी इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं।
4. ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने की भी मनाही होती है। मन ही मन में मंत्र जाप कर सकते हैं।
5. ग्रहण के दौरान क्षौर कर्म करना जैसे नाखून काटना, बाल काटना और धारदार चीजों का उपयोग करने की भी मनाही होती है, ऐसा करना अशुभ माना जाता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।