भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श है। उनमें ऐसे कई गुण थे, जो उन्हें परफेक्ट बनाते थे।
हफ्ते के सातों दिन अलग-अलग ग्रहों से संबंधित हैं। वार के अनुसार अगर रोज अलग-अलग तिलक लगाया जाएं तो फायदे हो सकते हैं।
भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतार ही प्रचलित हैं, लेकिन कई धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के कुल 24 अवतार हैं।
श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण के पूरे जीवन का वर्णन मिलता है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) 23 अगस्त, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के कुछ खास मंत्रों के जाप से पैसा, सुख-समृद्धि, शांति आदि सभी कुछ मिल सकता है।
जन्माष्टमी पर विधि-विधान से श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी परेशानियों का निवारण हो सकता है।
प्रति वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 23 अगस्त, शुक्रवार को है।
16 संस्कारों में से एक है जनेऊ संस्कार, इस संस्कार में 10 साल से कम उम्र के ब्राह्मण बालकों को जनेऊ धारण करवाई जाती है।
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है। वर्ष की प्रमुख चार चतुर्थी में से एक यह भी है।
भाद्रपद मास का तीसरा दिन विशेष फलदायी होता है, क्योंकि यह तिथि माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन भगवान शंकर तथा माता पार्वती के मंदिर में जाकर उन्हें भोग लगाने तथा विधि-विधान पूर्वक पूजा करने की परंपरा है।