कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 8 नवंबर, शुक्रवार को है। मान्यता है कि भगवान विष्णु इस दिन नींद से जागते हैं। यही कारण है इस दिन से शुभ कार्यों की शुरूआत की जाती है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार महिनों की नींद से जागते हैं।
महाभारत की कथा जितनी रोचक है, उतनी ही रहस्यमयी भी है। बहुत सी ऐसी बातें हैं जिसके बारे में आमजन नहीं जानते।
कई बार पूजा करते समय हम लोगों से कुछ भूल भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, ये बहुत कम लोगों को पता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। इस बार ये एकादशी 8 नवंबर, शुक्रवार को है।
घर में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। मान्यता है कि इस परंपरा से घर पर भगवान की विशेष कृपा रहती है और परिवार सुखी रहता है। इसीलिए सभी लोग अपने-अपने घर में प्रतिमाएं जरूर रखते हैं।
देव प्रबोधनी एकादशी पर तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराने की परंपरा है। हिन्दी पंचांग के अनुसार इस बार ये तिथि 8 नवंबर, शुक्रवार को है। शालिग्राम नेपाल की गंडकी नदी के तल में मिलते हैं।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला (अक्षय) नवमी कहते हैं। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व 5 नवंबर, मंगलवार को है।
इस बार 8 नवंबर, शुक्रवार को देवउठनी एकादशी है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं तथा शुभ कामों की शुरुआत होती है।
कई बार माता-पिता को बेटी के विवाह को लेकर अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी लड़की को लड़का पसंद नहीं आता तो कभी दूसरी समस्याएं आ जाती हैं।