सार

Operation Sindoor aftermath: Pahalgam Tourist Attack के जवाब में India ने शुरू किया Operation Sindoor, पाकिस्तान और PoJK के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक, Jaish, LeT, Hizbul के 100+ आतंकी मारे गए। पढ़ें EAM S Jaishankar का बड़ा बयान।

 

Operation Sindoor aftermath: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने Netherlands के NOS चैनल को दिए इंटरव्यू में साफ किया कि Operation Sindoor अभी भी जारी है और भविष्य में भी इसी तरह की कार्रवाई होगी अगर आतंकी हमले दोहराए गए। आतंकवादी अगर पाकिस्तान में हैं तो हम उनको वहां भी मारेंगे।

यूनाइटेड नेशंस की लिस्ट में चिन्हित ठिकानों पर हमले

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने 7 मई को जिन नौ स्थानों पर एयरस्ट्राइक की, वे सभी ठिकाने UN Security Council की 1267 List में पहले से दर्ज हैं। ये वे जगहें थीं जहां Lashkar-e-Taiba (LeT), Jaish-e-Mohammed (JeM) और Hizbul Mujahideen (HM) जैसे आतंकी संगठन काम कर रहे थे। हमने यूएन की लिस्ट के अनुसार, कार्रवाई की है।

26 टूरिस्ट की नृशंस हत्या, टारगेट था कश्मीर का टूरिज्म

एस.जयशंकर ने बताया कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहले पर्यटकों की पहचान की, फिर धार्मिक आधार पर उन्हें गोली मार दी। यह हमला कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़, टूरिज्म (Kashmir Tourism), को कमजोर करने और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश थी।

TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी, LeT से कनेक्शन

भारत ने हमलावरों की पहचान कर ली है। The Resistance Front (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जयशंकर ने बताया कि 2023, 2024 और 2025 में TRF को UN 1267 Sanctions Committee के सामने बार-बार रखा गया था।

भारत की जवाबी कार्रवाई: एयरबेस और कमांड सेंटर तबाह

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। पाकिस्तान की जवाबी गोलाबारी और ड्रोन अटैक के बाद भारत ने उनके एयरबेस, रडार सिस्टम और कम्युनिकेशन हब को भी ध्वस्त कर दिया।

10 मई को रुकी लड़ाई, पाकिस्तान ने माना भारत का दबाव

जयशंकर ने बताया कि जब भारत ने पाकिस्तान के आठ एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया, खासकर Rawalpindi के पास वाले बेस को, तब पाकिस्तानी सेना पीछे हटी और दोनों देशों में 10 मई को सीजफायर (Ceasefire) पर सहमति बनी।