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Chenab Bridge: PM मोदी करेंगे दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का उद्घाटन, पर क्यों बेचैन हैं चीन-पाकिस्तान?
PM मोदी आज दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जो जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ेगा। यह पुल सिर्फ तकनीकी चमत्कार नहीं, बल्कि चीन-पाकिस्तान की चिंता का बड़ा कारण भी है। जानिए इसकी अनोखी खूबियां और महत्व।
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चिनाब रेल ब्रिज का ऐतिहासिक महत्व
चिनाब रेल ब्रिज का निर्माण 2003 में शुरू हुआ था और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। यह पुल जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ने वाला रणनीतिक और तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण पुल है। इसकी खासियत इसकी ऊंचाई और मजबूती में निहित है, जो इसे विश्व में अद्वितीय बनाती है।
दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज
चिनाब रेल ब्रिज 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा बनाता है। यह न केवल दुनिया का सबसे ऊंचा बल्कि सबसे मजबूत आर्च ब्रिज भी है, जिसे भूकंप क्षेत्र में टिकाऊ बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकें
1486 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता तक के भूकंप को सहन करने में सक्षम है। इसकी डिजाइन में स्थिरता और मजबूती के लिए आधुनिक आर्च ब्रिज तकनीक का उपयोग हुआ है, जो इसे क्षेत्रीय परिस्थितियों के लिए आदर्श बनाती है।
जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव
इस पुल के कारण कटरा से श्रीनगर तक यात्रा का समय घटकर मात्र 3 घंटे रह जाएगा। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा।
वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल
चिनाब पुल पर वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ। यह ट्रायल पुल की मजबूती, सुरक्षा और उच्च तकनीकी मानकों को साबित करता है। अब यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से तेज़ और सुरक्षित रूप से जोड़ेगी।
चीन-पाकिस्तान की सतर्कता और चिंताएं
चिनाब पुल के निर्माण और उद्घाटन को लेकर चीन और पाकिस्तान सतर्क हैं। यह पुल भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाने वाला है, जिससे इन देशों को भारत की बढ़ती क्षमताओं की चिंता सताने लगी है। इसकी जासूसी और निगरानी की खबरें भी सामने आई हैं।
भारत की सामरिक और आर्थिक मजबूती
यह पुल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत की सामरिक ताकत और आर्थिक विकास का प्रतीक है। यह सेना को तेज़ी से सीमाओं पर पहुंचाने में मदद करेगा, साथ ही जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ावा देगा।
टिकाऊपन और दीर्घायु की मिसाल
चिनाब रेल ब्रिज की अनुमानित आयु 125 वर्षों से अधिक है। इसकी डिजाइन और निर्माण में दीर्घकालिक टिकाऊपन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे यह पुल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी भारत की इंजीनियरिंग का चमकता हुआ उदाहरण रहेगा।
उद्घाटन के बाद की उम्मीदें
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस पुल के उद्घाटन से भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और सामरिक क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा। यह पुल जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ेगा और क्षेत्र में स्थिरता, समृद्धि तथा सुरक्षा को बढ़ावा देगा।