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हाथरस, महाकुंभ, तिरुपति और अब बेंगलुरु... 337 दिन में 190 लोगों का काल बनीं 5 भगदड़ें...जिम्मेदार कौन?

एक साल से भी कम समय में भारत में 5 खौफनाक भगदड़—कभी आस्था तो कभी जश्न—और मौत का आंकड़ा 190 पार! क्या ये सिर्फ हादसे थे या किसी गहरी चूक का नतीजा? हाथरस से चिन्नास्वामी तक, हर भगदड़ छोड़ गई अपने पीछे एक डर, एक सन्नाटा और अनगिनत सवाल...

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Surya Prakash Tripathi
Published : Jun 05 2025, 03:44 PM IST
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भारत में भगदड़ें बनीं मौत का कारण
Image Credit : Social Media

भारत में भगदड़ें बनीं मौत का कारण

पिछले एक साल से भी कम वक्त में देश ने पांच बड़ी भगदड़ें देखीं, जिनमें 190 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये घटनाएं धार्मिक आस्था, सार्वजनिक आयोजन और सरकारी लापरवाही का भयानक मेल साबित हुईं।

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1. चिन्नास्वामी स्टेडियम: जीत का जश्न बना मातम
Image Credit : Social Media

1. चिन्नास्वामी स्टेडियम: जीत का जश्न बना मातम

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को RCB की जीत का जश्न एक भयंकर हादसे में तब्दील हो गया। भीड़ बेकाबू हुई और मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर युवा थे। 33 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

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2. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन: प्लेटफॉर्म पर मौत की दौड़
Image Credit : Social Media

2. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन: प्लेटफॉर्म पर मौत की दौड़

15 फरवरी 2025, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर जबरदस्त भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। प्रयागराज से लौट रहे तीर्थयात्रियों में 18 लोगों की जान चली गई और 15 लोग घायल हो गए।

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3. कुंभ मेले में भगदड़: श्रद्धा पर भारी सुरक्षा चूक
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3. कुंभ मेले में भगदड़: श्रद्धा पर भारी सुरक्षा चूक

29 जनवरी 2025, मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम क्षेत्र में स्नान के लिए उमड़ी लाखों की भीड़ बेकाबू हो गई। भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक घायल हुए।

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4. तिरुपति और गोवा में आस्था बनी हादसे की वजह
Image Credit : Social Media

4. तिरुपति और गोवा में आस्था बनी हादसे की वजह

जनवरी 2025 में तिरुमाला हिल्स, तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए मची होड़ में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं मई 2025 में गोवा के श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक मेले में भगदड़ मचने से कम से कम 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

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5. हाथरस की सबसे बड़ी त्रासदी: 121 की मौत
Image Credit : Social Media

5. हाथरस की सबसे बड़ी त्रासदी: 121 की मौत

जुलाई 2024, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में स्वयंभू बाबा 'भोले बाबा' के सत्संग कार्यक्रम में मची भगदड़ ने इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना का रूप ले लिया। इस त्रासदी में 121 लोगों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई लेकिन सभी अब जमानत पर हैं।

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क्या कोई सीखा सबक?
Image Credit : Social Media

क्या कोई सीखा सबक?

धार्मिक और सार्वजनिक आयोजनों में बार-बार हो रही भगदड़ों से सवाल उठते हैं—

  • क्या भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं?
  • आयोजकों और प्रशासन की जवाबदेही कहां है?
  • क्या भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं?
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 क्या कोई जिम्मेदार नहीं?
Image Credit : Social Media

क्या कोई जिम्मेदार नहीं?

इन घटनाओं में भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की विफलता साफ दिखती है। लेकिन आज तक किसी बड़े अफसर या आयोजक पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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सवाल बाकी हैं... जवाब कौन देगा?
Image Credit : Social Media

सवाल बाकी हैं... जवाब कौन देगा?

भीड़ हर बार उमड़ती है, हादसे दोहराए जाते हैं, लेकिन सीख कोई नहीं लेता! क्या भारत को ऐसी त्रासदियों से बचाने के लिए कोई ठोस नीति बनेगी? या फिर हर साल दोहराए जाएंगे ऐसे काले पन्ने?

About the Author

SP
Surya Prakash Tripathi
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी। 20 जुलाई 2003 से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत। कुल 22 साल का अनुभव। 19 फरवरी 2024 से एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री के साथ इन्होंने डबल MA LLB भी किया हुआ है। इन्होंने क्राइम, धर्म और राजनीति के साथ सामाजिक मुद्दों पर लिखने की रुचि है। हिंदी दैनिक आज, डेली न्यूज एक्टिविस्ट, अमर उजाला, दैनिक भास्कर डिजिटल (DB DIGITAL) जैसे मीडिया संस्थानों में भी सूर्या सेवाएं दे चुके हैं।
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