सार
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान की एयरफोर्स की रीढ़ तोड़ दी। नूर खान, सरगोधा से लेकर बहावलपुर तक एक ही रात में हुई स्ट्राइक्स ने आतंक के अड्डों को तहस-नहस कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने दुनिया को साफ संदेश दिया कि अब केवल जवाब नहीं, अब जड़ पर वार होगा। भारत ने आतंकी संगठनों की रीढ़ तोड़ने और पाकिस्तान के सैन्य नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। यह महज़ बदला नहीं, एक नए सैन्य सिद्धांत (New Doctrine) की शुरुआत थी।
90 मिनट में ढहाया पाकिस्तान का एयरफोर्स स्ट्रक्चर
10 मई की सुबह 1:04 बजे भारत ने एक 90 मिनट की एयरस्ट्राइक अभियान चलाया। इस दौरान पाकिस्तान के 11 महत्वपूर्ण एयरबेस को निशाना बनाया गया।
नूर खान एयरबेस (Nur Khan Airbase)-इस्लामाबाद से महज 10 किमी दूर स्थित यह एयरबेस VIP मूवमेंट और जनरल हेडक्वार्टर से सीधे जुड़ा था। इसकी तबाही प्रतीकात्मक ही नहीं, रणनीतिक भी थी।
सरगोधा (Sargodha)-पाकिस्तान का ‘न्यूक्लियर नर्व सेंटर’। यहां से परमाणु मिसाइलों के संचालन और एयरफोर्स की एडवांस ट्रेनिंग होती थी।
भोलारी, जकोबाबाद, स्कर्दू, चूनियां, सियालकोट, मुरिद, रफीकी, सुकर और पासरूर - ये सभी एयरबेस F-16, JF-17 और Mirage जैसे युद्धक विमानों के ऑपरेशनल हब थे। भारत की एयरफोर्स ने इन सभी को निशाना बनाकर पाकिस्तान की वायु-शक्ति को एक झटके में जमींदोज कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक की फैक्ट्रियों पर सीधा वार
पहली स्ट्राइक के कुछ घंटों बाद ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत टारगेट पर आतंकी संगठनों के ठिकानों को लिया। सिर्फ 25 मिनट के इस हमले में भारत ने उन नौ ठिकानों को खत्म कर दिया जो आतंक के प्लानिंग और ट्रेनिंग का केंद्र थे।
बहावलपुर और मुरिदके – जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय।
भिंबर – ISI के संचालित इंफिल्ट्रेशन नेटवर्क का मुख्य केंद्र।
सियालकोट और कोल्ली – बॉर्डर पार आतंकियों की घुसपैठ के लॉजिस्टिक पॉइंट्स।
आकाश तीर (Akash Teer): भारत की युद्ध प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव
इस ऑपरेशन में भारत ने पहली बार दुनिया के सामने Akash Teer प्रणाली का प्रदर्शन किया। यह एक AI-सक्षम, NAVIC-गाइडेड, सैटेलाइट-लिंक्ड अटैक सिस्टम है जिसे DRDO, BEL और ISRO ने मिलकर विकसित किया है।
Akash Teer की खास बातें
- सैटेलाइट आधारित निगरानी और गाइडेंस
- AI के जरिए ऑटोमेटेड टारगेट चयन
- स्टील्थ ड्रोन के जरिए हाई-प्रिसीजन अटैक
- रियल टाइम डाटा इंटीग्रेशन
इस प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ सफल ही नहीं बनाया बल्कि यह दिखा दिया कि भारत की सैन्य शक्ति अब पारंपरिक सीमाओं को लांघ चुकी है।
पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लफ़ की पोल खुली
ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा संदेश था कि अब डराने की नीति नहीं चलेगी। पाकिस्तान ने दशकों से न्यूक्लियर थ्रेट के जरिए भारत की जवाबी कार्रवाई को रोकने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन ने उन सभी "रेड लाइन्स" को ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान की सैन्य कमान टूटी, एयरफोर्स अंधी हुई, और DGMO ने सीजफायर की गुहार लगाई। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका, चीन और सऊदी अरब तक से मध्यस्थता की अपील की। भारत ने साफ किया कि अब न कोई बैक चैनल होगा, न कोई रियायत।
नया सिद्धांत, नई नीति
भारत ने इंडस वॉटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया है और ऑपरेशन के दौरान लिए गए किसी भी फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा। अब भारत की सैन्य नीति स्पष्ट है। आतंकी हमलों का जवाब सिर्फ स्ट्राइक नहीं, रणनीतिक ध्वस्तिकरण होगा। यही नहीं यह संदेश है कि न्यूक्लियर धमकी अब भारत को नहीं रोकेगी। साथ ही तकनीक और श्रेष्ठता के बल पर भारत निर्णायक बढ़त बनाएगा।