सार
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) के बीच युद्धविराम के भविष्य पर बातचीत आज दोपहर होनी थी। लेकिन इस बैठक को शाम तक के लिए टाल दिया गया है। दोपहर में हॉटलाइन के जरिए यह बैठक होनी थी। उधर, ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए सैन्य अभियानों के महानिदेशक (DGMO) और वरिष्ठ नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की पूरी जानकारी वीडियो और तस्वीरों के साथ दी। साथ ही, सीमा पर युद्धविराम के बाद की स्थिति के बारे में भी बताया।
जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दूसरे इलाकों में रात ज़्यादातर शांत रही। कोई घटना नहीं हुई, हाल के दिनों में यह पहली शांत रात थी। एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के साथ खड़ा हुआ और हमारे गुस्से का सामना किया।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना का आतंकवादियों के लिए दखल देना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने फिर से दोहराया है कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके समर्थन ढांचे के खिलाफ है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ। फिर भी, पाकिस्तानी सेना ने दखल दिया और आतंकवादियों का साथ देने का फैसला किया, जिससे हमें भी वैसा ही जवाब देना पड़ा।
DGMO ने जानकारी देते हुए, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी मिराज के मलबे का वीडियो दिखाया, जिसे उसने मार गिराया था। भारत के स्वदेशी हथियारों ने पाकिस्तान के चीनी हथियारों को पीछे धकेल दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू विमानों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वदेशी सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों ने पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कई ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू विमानों को मार गिराया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल का मलबा दिखाया, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत पर हमले के दौरान किया था। हमारे युद्ध-परीक्षित सिस्टम ने वास्तविक युद्ध स्थितियों में अपनी क्षमता साबित की है। स्वदेशी आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने असाधारण प्रदर्शन किया है। एयर मार्शल एके भारती ने देश की रक्षा क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा कि हमने जो मजबूत वायु रक्षा ढांचा बनाया है, वह पिछले दशक में सरकार के निरंतर बजट और नीतिगत समर्थन का सीधा परिणाम है।
मैंने कल आपको बताया था कि पिछले कुछ सालों में आतंकवादी गतिविधियों के तरीके में बदलाव आया है। अब, हमारी सेना के साथ-साथ, बेगुनाह नागरिक, जो खुद का बचाव नहीं कर सकते, भी निशाना बन रहे हैं। 2024 में जम्मू क्षेत्र के शिव खोरी मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों पर हमला और इस अप्रैल में पहलगाम में बेगुनाह पर्यटकों पर हमला, इस खतरनाक प्रवृत्ति के स्पष्ट उदाहरण हैं। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि जब तक यह पहलगाम पहुंचा, तब तक पाप का घड़ा भर चुका था। उसके बाद क्या हुआ, इस पर हम पहले ही विस्तार से चर्चा कर चुके हैं।