Operation Sindoor: रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान एयर मार्शल एके भारती और DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर कहा कि यह ऐसी दीवार है जिसे भेदना दुश्मन के लिए नामुमकिन है।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, "हमारे तरफ से हमारी एयर डिफेंस सिस्टम देश के लिए दीवार की तरह खड़ी थी। इसको भेदना दुश्मन के लिए नामुमकिन था। पाकिस्तानी सेना ने भारत के सैन्य ठिकानों और आम लोगों को नुकसान पहुंचाने की बहुत कोशिश की। इंडियन एयर फोर्स के साथ ही इंडियन नेवी और आर्मी के एयर डिफेंस सिस्टम को भी तैनात किया गया था। हमने मल्टी लेयर और इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम लगाए।"
एयर मार्शल ने कहा, "कई तरह के हवाई सुरक्षा प्रणाली को एक साथ लाया गया। प्वाइंट डिफेंस सिस्टम जैसे एयर डिफेंस गन, सोल्डर फायर मैन पैड्स और जमीन से हवा में कम दूरी तक मार करने वाले मिसाइल से लेकर एरिया डिफेंस जैसे हवाई सुरक्षा करने वाले लड़ाकू विमान और लंबी दूरी तक मार करने वाले सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल, सभी को साथ लाया गया। पाकिस्तान ने बहुत से ड्रोन और हथियारों से लैस UAV से हमला करने की कोशिश की। उन्हें भारत में विकसित एंटी ड्रोन सिस्टम से रोका गया। इसके लिए सॉफ्ट किल और हार्ड किल किया गया।"
भारत ने पूरी तरह तैयार रखा था एयर डिफेंस सिस्टम
जनरल राजीव घई ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों पर हमला बिना सीमा पार किए हुआ था। इसलिए हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान भी सीमा पार किए बिना हमला करेगा। हमने एयर डिफेंस सिस्टम की पूरी तैयारी पहले से ही कर ली थी। हमारे बेड़े में शामिल काउंटर मैन्ड एरियल सिस्टम्स, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के साधन और एयर डिफेंस वेपन्स का इंडियन एयरफोर्स के इसी प्रकार के सिस्टम के साथ अनोखा मिश्रण किया गया। इसलिए आपने देखा कि जब पाकिस्तान एयर फोर्स ने हमारे एयर फिल्ड्स और लॉजिस्टिक्स इंस्टॉलेशन में 9 और 10 मई की रात को लगातार हमले किए वो इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रीड के सामने विफल हो गए।"
क्या है भारत का मल्टी लेयर एयर डिफेंस सिस्टम?
भारत के मल्टी लेयर एयर डिफेंस सिस्टम में चार लेयर हैं। हर लेयर में अलग तरह का एयर डिफेंस वेपन है। इनके काम और जिम्मेदारी भी अलग हैं। ये सभी मिलकर एक ऐसी दीवार बनाते हैं, जिसे भेद पाना दुश्मन के लिए कठिन होता है।
लेयर 1- काउंटर ड्रोन और मैनपैड्स
काउंटर ड्रोन और मैनपैड्स प्वाइंट एयर डिफेंस के काम आते हैं। इनका रेंज कम होता है। इन्हें सैन्य ठिकाने, एयर बेस जैसे महत्वपूर्ण जगहों की रक्षा करने के लिए तैनात किया जाता है। काउंटर ड्रोन सिस्टम का काम ड्रोन को नष्ट करना होता है। वहीं, मैनपैड्स से सैनिक जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल का इस्तेमाल करते हैं। इस लेयर की जिम्मेदारी ड्रोन और कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को नष्ट करना है।
लेयर 2- प्वाइंट एरिया डिफेंस
प्वाइंट एरिया डिफेंस में कम दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल आते हैं। जैसे आकाश एयर डिफेंस सिस्टम। इन्हें एयर बेस, सैन्य ठिकाने जैसे अति महत्वपूर्ण जगह को हवाई हमले से बचाने के लिए लगाया जाता है। इससे लड़ाकू विमान से लेकर मिसाइल तक को गिराया जा सकता है।
लेयर 3- मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल
इस लेयर में बराक 8 जैसे जमीन से हवा में मध्यम दूरी तक मार करने वाले मिसाइल का सिस्टम आता है। इस तरह के मिसाइल से लड़ाकू विमान से लेकर मिसाइल तक, हर तरह के हवाई टारगेट को नष्ट कर सकते हैं।
लेयर 4- लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल
इस लेयर में अधिक दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल आते हैं। इनमें S-400 और पृथ्वी एयर डिफेंस जैसे सिस्टम शामिल हैं। इनका काम बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल से लेकर विमानों को हवा में नष्ट करना है।