सार
Safety tips for travelers: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जानें यात्रा के दौरान ब्लैकआउट स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें, बच्चों का ध्यान कैसे रखें।
Blackout Safety Tips: भारत पर हुए पहलगाम आतंकी (Pahalgam Terror Attack) हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान से बदला ले लिया है। 7 मई की देर रात POK और पाकिस्तान के पंजाब में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल दागी गईं। जिसमें आतंकियों के ठिकाने मिट्टी में मिल गए। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
भारतीय सेना का कहना है, अगर पाकिस्तान किसी भी तरह की कोई नापाक हरकत करता तो भारत उसका जवाब देगा इसी बीच देश के ज्यादातर राज्यों में मॉक ड्रिल (Mock Drill) की जा रही है। ऐसे में जानेंगे अगर आप किसी ट्रिप पर है और वहां पर मॉक ड्रिल की जा रही है तो इस स्थिति में आपको क्या करना है।
मॉक ड्रिल या फिर ब्लैक आउट होने पर घबराएं नहीं
- यदि घूमने गए हैं और वहां पर अचानक से ब्लैक आउट हो गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। ब्लैकआउट से पहले पूरे शहर में सायरन बजाया जाएगा। जिसकी आवाज बहुत तेज होती है। इस दौरान आपको सतर्क रहना है। हालांकि यहां पर भी डरने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि यह एक तरीके का अभ्यास है। इसका मकसद केवल ये बताना है कि यदि युद्ध जैसी स्थिति आती है तो किस तरह से अपना ख्याल रखा जा सकते हैं।
2. आप यदि किसी कमरे में है या होटल रूम में है और सायरन सुनाई दे रहा है तो कमरे की लाइट बंद कर दें। पर्दे डाल दें। इस दौरान किसी भी तरह के टेक्निकल गैजेट्स का प्रयोग नहीं करना है। यहां तक माचिस की तीली भी नहीं जलानी है।
3. अगर ब्लैक आउट के दौरान किसी टूरिस्ट प्लेस या फिर कार के अंदर है तो वहां मौजूद लोगों के साथ किसी सुरक्षित स्थान पर जाएं। साथ ही गाड़ी के अंदर बैठे हैं तो सारी लाइट बंद कर दें। और शीशे बंद कर कार में बैठे रहें।
पहले से कर ले इन चीजों की तैयारी
मॉक ड्रिल के अलावा आप खुद के लिए भी तैयारी कर सकते हैं। जैसे 3 दिनों के लिए खाने पीने से जुड़ी चीजों और स्नेक्स का स्टॉक रखें। आपके घर का जो मरा सुरक्षित हो वहां पर एक जगह पर चार्जर, डॉक्यूमेंट, आईडी और जरूरी सामान रखें। साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए कुछ दवाई भी अपने साथ रखें।
युद्ध के हालात में बच्चों का ध्यान कैसे रखें?
अगर जंग जैसा माहौल बनता है तो बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकती है। इसका प्रभाव उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर पड़ता है। ऐसे में उनसे बात करें। स्ट्रेस बिल्कुल न दें। पढ़ने के लिए बोलें ताकि बच्चों का दिमाग बंटा रहे।