सार
पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान को जवाब देने वाले ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग दो महिला अफसरों ने की। क्या ये सिर्फ सैन्य रणनीति थी या बदला? मोदी का 'सिंदूर' संदेश आतंक को ललकार या कुछ और?
Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर अपने दुश्मनों को यह जता दिया कि वह न सिर्फ़ सैन्य ताकत से, बल्कि प्रतीकों और भावनात्मक शक्ति से भी हमला करना जानता है। 22अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया, जब 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। इस हमले में आतंकियों ने पीड़ितों की पत्नियों से कहा, "जाओ और मोदी को बताओ।" और ठीक यही संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उलट कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की कमान संभालने वाली 2 वीर महिलाएं
भारत के सैन्य इतिहास में पहली बार किसी ऐसे जवाबी ऑपरेशन की आधिकारिक ब्रीफिंग दो महिला अधिकारियों ने की: कर्नल सोफिया कुरैशी – भारतीय सेना की प्रतिष्ठित अधिकारी जो पहले भी संयुक्त सैन्य अभ्यासों की कमान संभाल चुकी हैं। विंग कमांडर व्योमिका सिंह – भारतीय वायुसेना की सम्मानित पायलट, जिनका ऑपरेशनल अनुभव बेहतरीन है। इन दोनों अफसरों ने मीडिया को ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग दी — एक ऐसा कदम जो भारतीय सैन्य परंपरा और लिंग-समानता की नई परिभाषा बन गया।
PM मोदी का प्रतीकात्मक जवाब – क्यों चुना गया ‘सिंदूर’ नाम?
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। इस नाम का अर्थ एक गहरा सांस्कृतिक और भावनात्मक संदेश लिए हुए था: सिंदूर – विवाहित हिंदू महिलाओं का पारंपरिक प्रतीक, जो प्यार, समर्पण और वैवाहिक बंधन को दर्शाता है। जब आतंकवादियों ने विवाहित पुरुषों को निशाना बनाकर उनकी पत्नियों को विधवा बना दिया, तब यही सिंदूर शोक, शक्ति और बदले का प्रतीक बन गया।
ऑपरेशन सिंदूर की खास बातें
- पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले।
- लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के शिविर नष्ट।
- बहु-बलीय कार्रवाई: सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त भागीदारी।
- महिला अधिकारियों की ब्रीफिंग – आतंक का जवाब, नेतृत्व से।
संदेश साफ है: महिलाएं अब सिर्फ पीड़ित नहीं, रणनीति का चेहरा भी हैं
पहलगाम हमले के दौरान, हमलावरों ने कहा था – "जाओ और मोदी को बताओ।" और अब पीएम मोदी ने उन्हीं महिलाओं को राष्ट्र की आवाज़ बना दिया। यह एक ऐसा काउंटर नैरेटिव था, जिसमें आतंकवादियों की सोच को उलट दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर भारत का साहसी और वैचारिक जवाब
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है। जब महिलाएं नेतृत्व में आती हैं, तो संदेश सिर्फ गोलियों का नहीं होता, वह वैचारिक क्रांति भी बन जाता है।