Intimacy Issues: शारीरिक नजदीकी किसी भी रिलेशनशिप का इकलौता आधार नहीं होता है। लेकिन जब इसमें इमोशनल दूरी या असंतुलन आ जाए तो रिश्ता धीरे-धीरे बिखरने लगता है। जरूरत है कि आप इंटिमेसी की परिभाषा को एक बार फिर से मिलकर दोबारा गढ़ें।
Intimacy Issues Story:हर रिलेशनशिप में कई बार ऐसा मोड़ आता है जब शारीरिक जरूरतें और मेंटल प्रायोरिटीएक दूसरे से मेल नहीं खातीं। ऐसा ही एक कपल का केस है जो पिछले 4 साल से साथ है, लड़की की सेक्स ड्राइव काफी ज्यादा है जबकि लड़का अब उसे लेकर उतना उत्साहित महसूस नहीं करता।
रेडिट पर लड़के ने अपने रिलेशनशिप की कहानी शेयर करते हुए लिखा,'शुरुआत में हम दोनों एक दूसरे के लिए बेताब रहते थे। दिन में 3-4 बार बार हमारे बीच फिजिकल रिश्ता बनता था।' लेकिन जैसे ही जिंदगी में काम, जिम्मेदारियां और रूटीन आने लगा, लड़के की प्रॉयरिटी बदल गई। वो जल्दी सुबह उठता, काम पर जाता और थककर लौटता है। रात में बिस्तर पर जाते ही नींद आने लगती है।
रात में फिजिकल होने की जिद
दूसरी तरफ, उसकी गर्लफ्रेंड दिनभर घर में रहती है।वो टीवी देखती है, दोस्तों से बातें करती हैं। लेकिन जैसे ही रात होती है वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ फिजिकल होने की जिद पकड़ लेती है। लड़के की मानें तो वो अपने गर्लफ्रेंड को बार-बार समझता है कि वो उसके साथ फिजिकल दिन में या शाम को हो सकता है। रात में वो बहुत थक जाता है। लेकिन टाइमिंग को लेकर लड़की तैयार नहीं है।
सेक्स बन गया 'रिसेट बटन'
अब यह लड़का सेक्स को इंटिमेसी नहीं, बल्कि एक "क्लॉक रिसेट" मानने लगा है। यानी जैसे ही सेक्स होता है, उसकी गर्लफ्रेंड दो-तीन दिन तक नाराज
नहीं होती, सब कुछ शांत रहता है और वो क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। लेकिन फिजिकल अब एक इमोशनल कनेक्शन नहीं, एक जिम्मेदारी या टास्क बन चुका है। जो उसे सिर्फ इसलिए करना पड़ता है ताकि रिलेशनशिप में शांति बनी रहे।
लड़के को क्या करना चाहिए?
टाइमिंग पर क्लीयर कम्युनिकेशन करें: उसे ये ना कहें कि तुम टाइम खराब चुनती हो ये उसे शिकायत लग सकती है। आप कहें कि जब तुम दिन में मेरे पास याती हो तो मैं और ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करता हूं।
फिजिकल को 'मिडवे' बनाएं: अगर पूरी तरह फिजिकल होने की एनर्जी ना हो तो इंटिमेसी के और तरीकों पर फोकस करें। हग्स, किसिंग, मसाज या कडलिंग। इससे इमोशनल जुड़ा भी बना रहेगा।
काउंसलिंग पर विचार करें : सेक्शुअल थेरेपी या कपल काउंसलिंग से आप दोनों का नजरिया बेहतर हो सकता है। यह कोई “टूट-फूट” नहीं, बल्कि एक मेंटेनेंस प्रोसेस है।