Premanand ji Maharaj on Love Marriage: प्रेम करना और फिर उसे विवाह की मंजिल देना एक बड़ा डिबेटेबल मुद्दा है। लोगों को लगता है कि विवाह के बाद प्रेम खत्म हो जाता है। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने इसे लेकर क्या कहा।

Premanand ji Maharaj On Love Marriage: कुछ लोगों से आपने सुना होगा कि जिससे प्यार करों उससे शादी मत करों ,क्योंकि बाद में प्यार खत्म हो जाता है और चीजें खराब होने लगती है। तो कुछ लोगों से सुना होगा कि शादी उसी से करनी चाहिए जिससे आप प्रेम करते हैं। प्रेम और शादी आज के दौर में बड़ा डिबेटेबल मुद्दा है। इस कंफ्यूजन को दूर करने का काम किया है प्रेमानंद महाराज जी ने । उन्होंने लव मैरेज के ऊपर अपनी राय दी है।

वृंदावन में रहने वाले प्रेमानंद महाराज दरबार लगाकर भक्तों के सवालों का जवाब देते रहते हैं। वो उनका मार्गदर्शन करते हैं। महाराज जी की बातों को लाखों -करोड़ों लोग फॉलो करते हैं। भक्त के सवाल पर कि क्या प्रेम विवाह करना चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि प्रेम विवाह तभी सफल होता है जब उसमें सच्चाई, प्रतिबद्धता और पारिवारिक सहमति हो।

फिजिकल अट्रैक्शन पर आधारित प्रेम संबंध गलत

उन्होंने कहा कि यदि लव मैरेज कमिटमेंट और फैमिली की रजामंदी के साथ किया जाए तो गलत नहीं हैं। यदि 2 लोग जीवनभर साथ निभाने का संकल्प लें, तो यह विवाह स्वीकार्य है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्यार का रिश्ता केवल शारीरिक आकर्षक पर आधारित है और उसमें स्थायित्व या कमिटमेंट नहीं हैं तो ऐसे संबंधों से बचना चाहिए। क्योंकि इस तरह की शादी में शारीरिक आकर्षक खत्म होते ही प्यार भी खत्म हो जाता है और इस रिश्ते की बुरी गति होती है।

प्रेमानंद जी महराज ने माता -पिता को दी बड़ी सलाह

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि यदि उन्होंने किसी के साथ प्रेम संबंध स्थापित किया है, तो वे उसके प्रति निष्ठावान रहें। वहीं माता-पिता को सलाह देते हुए कहा कि यदि उनका बच्चा प्रेम विवाह करना चाहता है तो उसके डिसिजन को समझें और उन्हें रास्ता दिखलाएं।इससे वो सही रास्ते पर रहेंगे, गलत दिशा में भटकेंगे नहीं।