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बच्चों की परवरिश को लेकर सद्गुरु के अनमोल विचार, पेरेंट्स बच्चों के बॉस नहीं, दोस्त बनें
Parenting Tips: सद्गुरु के अनुसार, बच्चों को सही परवरिश के लिए आज़ादी और मार्गदर्शन दोनों ज़रूरी हैं। माता-पिता को बच्चों की बात सुननी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए, न कि सिर्फ़ आदेश देना चाहिए।
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सद्गुरु का मानना है कि बच्चों को अपना जीवन सही तरीके से जीने के लिए स्वतंत्रता और मार्गदर्शन दोनों की आवश्यकता होती है। माता-पिता को बच्चों की जरूरतों और विचारों को समझने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उन्हें हर समय आदेश देना या कंट्रोल करना चाहिए।
बच्चों को समझें और उनकी बात सुनें
जब बच्चे अपने विचार माता-पिता से साझा करते हैं, तो उनकी बात ध्यान से सुनें। उनके विचारों और भावनाओं का सम्मान करें। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उन्हें यह भी लगता है कि उनके विचार महत्वपूर्ण हैं।
शिक्षा के साथ अनुभव का महत्व
सद्गुरु कहते हैं कि बच्चों को केवल किताबी ज्ञान देने से ज़्यादा ज़रूरी है कि उन्हें अनुभवों के ज़रिए पढ़ाया जाए। उन्हें जीवन के वास्तविक पहलुओं से परिचित कराएँ, ताकि वे खुद सही और गलत का आकलन कर सकें।
प्यार और अनुशासन का संतुलन
माता-पिता को बच्चों को अनुशासित करते समय प्यार और धैर्य भी दिखाना चाहिए। कठोर व्यवहार बच्चों को डराता है, जबकि प्यार उन्हें अपनी गलतियों से सीखने का मौका देता है।
उन्हें अपना व्यक्तित्व खुद बनाने दें
सद्गुरु का मानना है कि हर बच्चा अलग और अनोखा होता है। माता-पिता को अपनी इच्छाएं और सपने उन पर थोपने के बजाय बच्चों को अपना रास्ता खुद चुनने देना चाहिए।
दोस्ताना रिश्ता बनाए रखें
जब माता-पिता बच्चों के साथ दोस्त की तरह पेश आते हैं, तो बच्चे अपनी समस्याओं को खुलकर साझा करने में सहज महसूस करते हैं। यह रिश्ता उन्हें मानसिक रूप से मज़बूत बनाता है।