Workplace Affairs Causes:ऑफिस एक ऐसी जगह हैं जहां पर घर के बाद सबसे ज्यादा वक्त लोग गुजारते हैं। यहां पर कभी-कभी पर्सनल बॉन्ड भी बन जाते हैं। शादीशुदा लोग भी दिल लगा बैठते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह। 

Workplace Affairs: प्रोफेशनल माहौल में पर्सनल बॉन्ड बनना गलत नहीं हैं। लेकिन कई बार ये बॉन्डिंग इतनी गहरी हो जाती है कि रिश्ते दोस्ती से आगे निकल जाते हैं। जब तक आप कुंवारे रहते हैं तब तक भी यह सवालों के दायरे में नहीं आती है, लेकिन मामला तब खराब हो जाता है जब आप शादीशुदा हो और आपका अफेयर वर्कप्लेस पर चलने लगें।आइए जानते हैं इसके पीछे की 5 मुख्य वजहें।

1. लंबा वक्त साथ बिताना

ऑफिस में काम के दौरान हम अपने कलीग्स के साथ लगभग 8-9 घंटे का समय बिताते हैं। इतना वक्त हम अपने जीवनसाथी के साथ भी नहीं गुजार पाते हैं वो भी बेलौस तरीके से। नियमित बातचीत, मीटिंग्स, साथ में लंच या आउटिंग, एक इमोशनल कनेक्शन बना देता है।

2. इमोशनल अटैचमेंट और समझदारी

ऑफिस में काम के प्रेशर, डेडलाइन और स्ट्रेस को एक साथ फेस करने से दो लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझने लगते हैं।एक दूसरे को सपोर्ट करना, प्रोजेक्ट बनाने में हेल्प करना, ये तमाम चीजों की वजह से इमोशनल बॉन्डिंग डीप होती चली जाती है। इमोशनल जुड़ाव कभी-कभी प्यार में भी बदल जाता है।

3.पर्सनल लाइफ में अकेलापन या असंतोष

कई बार लोगों की शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नहीं होती है। उन्हें इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता है। ऐसे में इंसान को अगर ऑफिस में किसी कलिग के साथ वक्त गुजारने से सुकून मिलता है तो धीरे-धीरे वो फिलिंग में तब्दील हो जाती है।यह भावनात्मक निर्भरता आगे चलकर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का रूप ले लेती है।

4. प्रशंसा और मान-सम्मान की भावना

कई बार ऐसा होता है कि जीवनसाथी से वो तारीफ या अटेंशन नहीं मिलता, जो किसी कलीग से मिल जाता है। जब ऑफिस में कोई आपकी सराहना करता है, आपके काम को अहमियत देता है और आपको स्पेशल फील कराता है तो धीरे-धीरे इंसान की ओर अट्रैक्शन बढ़ने लगता है।

5. कॉमन इंटरेस्ट और प्रोफेशनल अंडरस्टैंडिंग

जब दो लोग एक ही फील्ड में होते हैं, तो उनके विचार, अनुभव और रुचियां भी मिलती-जुलती होती हैं। इससे बातचीत का सिलसिला सहज बन जाता है। कॉमन इंटरेस्ट एक कनेक्शन बनाते हैं, जो धीरे-धीरे रिश्ते की नींव बन जाता है।

क्या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर अच्छा है??

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किसी भी मायने में सही नहीं होता है। अगर आपका अपने पार्टनर के साथ रिश्ता अच्छा नहीं चल रहा है तो पहले उस रिश्ते को ठीक करने की कोशिश करें। काउंसलर की मदद लें। अगर फिर भी बात ना बनें तो दोनों तलाक का फैसला ले सकते हैं। इसके बाद आप अपनी नई जिंदगी शुरू करें। रिश्तों में पारदर्शिता और संवाद ही मजबूत शादीशुदा जीवन की नींव है।